6-6-6 Walking Rule: आजकल की बिजी लाइफ में लोग अपने लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं, जिसकी वजह से वर्कआउट करना और जिम जाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस वजह से वजन बढ़ने की समस्या काफी आम हो गई है, जिससे हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। ऐसे में हेल्दी रहने और वजन कम करने के लिए वॉकिंग सबसे प्रभावी उपाय है। आजकल ‘6-6-6 वॉकिंग रूल’ तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
‘इस नियम के तहत आपको अपनी डेली लाइफ में एक रूटीन बनाना होगा, जिसमें सुबह 6 बजे और शाम 6 बजे 60 मिनट की वॉक करनी होती है। इसके अलावा, इस रूल में 6 मिनट का कूल डाउन और 6 मिनट का वॉर्म-अप भी होता है। इस रूटीन से आप न केवल फिट रह सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक स्वस्थ भी रह सकते हैं। जहां सुबह की वॉक आपको शाम तक तरोताजा बनाए रखती है, वहीं शाम की वॉक आपको तनाव से राहत दिलाती है। वह वॉर्म अप और कूल डाउन शरीर को चोट से बचाने और रिकवरी में मदद करता है।
6-6-6 वॉकिंग रूल को रूटीन में ऐसे करें शामिल
इस वॉकिंग रूल को अपने रूटीन में शामिल करना बेहद आसान है। इसके लिए आप सुबह रोजाना जल्दी उठें। उठकर मौसम के अनुसार कपड़े पहनकर दौड़ने के लिए निकल पड़ें। इससे न केवल आप फिट रहेंगे, बल्कि आपकी सुबह भी पहले से ज्यादा एनर्जेटिक होने लगेगी।

दिनभर एनर्जी देगी सुबह की वॉक
इस रूल के बारे में लोग अक्सर सोच सकते हैं कि सुबह और शाम को क्यों, दिन में एक बार क्यों नहीं? तो इसका जवाब है कि सुबह 6 बजे वॉक करने से दिनभर एनर्जी मिलती है। जिससे आप पूरे दिन पूरी ऊर्जा के साथ अपना हर कार्य बेहतर तरीके से करते हैं। वहीं, शाम की वॉक आपके दिनभर के तनाव को दूर करने का काम करती है। साथ ही आपको मानसिक शांति देती है। इससे आपको बेहतर नींद आती है, जो एक हेल्दी लाइफ का प्रतीक है।
रोजाना 60 मिनट की वॉक करने के फायदे
यदि आप रोजाना सुबह और शाम 60 मिनट की वॉक करते हैं, तो यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। दरअसल, यह न केवल मोटापा कम करने में मददगार होता है, बल्कि हार्ट, और फेफड़े के लिए भी अच्छा होता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों को मजबूती देने वाली ये एक्टिविटीज सभी बीमारियों के खतरे को भी दूर करती है।

6 मिनट के वार्म-अप और कूल डाउन के फायदे
6-6-6 वॉकिंग रूल 6 मिनट के वॉर्म-अप और 6 मिनट के कूल-डाउन सेशन के बगैर पूरा नहीं होता है। वॉर्म-अप करने से यह फायदा मिलता है कि यह वॉक से पहले शरीर का तापमान बढाने का काम करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे स्पोर्ट्स इंजरी का खतरा कम होता है। वहीं, 6 मिनट के कूल-डाउन सेशन से दिल की धड़कन सामान्य होती है और मांसपेशियों में अकड़न कम होती है। ऐसा करने से शरीर का लचीलापन बढ़ता है।
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