हल्दी लगभग हर भारतीय घर में इस्तेमाल की जाती है। यह ना सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाती है बल्कि सेहत को कई तरह से फायदे भी पहुंचाती है। यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ़्लेमेट्री गुणों से भरपूर होती है जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जाता रहा है। यह सर्दी-जुकाम, खांसी, घाव, सूजन, कफ में बहुत लाभदायक है। इसके अलावा यह सीने में जलन और अपच से लेकर यह फैटी लिवर, डिप्रेशन,अलजाइमर, कैंसर जैसी बीमारियों में भी लाभदायक है। जानते हैं इसके फ़ायदों के बारे में-
जोड़ों के दर्द से मुक्ति

सर्दियों का मौसम आते ही अधिकांश लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती है। दरअसल, ठंड में शरीर में मोजूद कोशिकाएँ सिकुड़ने लगती हैं। इससे जोड़ों के पास की हड्डियाँ कठोर हो जाती हैं। रक्त की धमनियाँ संकुचित होने की वजह से शरीर के विभिन्न अंगों में पर्याप्त मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती है और जोड़ों का दर्द बदने लगता है। इससे बचने के लिए आप हर दिन हल्दी का इस्तेमाल शुरू कर दीजिए। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। इसके लिए हर दिन हल्दी के तेल की मालिश करें। आर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए हल्दी बहुत लाभदायक है।
दिल के लिए फ़ायदेमंद

हल्दी में उपस्थित करक्यूमिन हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी के रूप में कार्य करता है और ब्लड वेसल्स की लाइनिंग की फंक्शनिंग को बेहतर बनाता है, जिससे ब्लड फ्लो सही तरीक़े से होता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के साथ ही रक्त के थक्कों से बचाव में मदद करती है। हल्दी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करती है। आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर पी सकते हैं। स्टडी में सामने आया है जो लोग हल्दी का नियमित रूप से सेवन करते हैं उनके हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
कैंसर से बचाव
जिनमें एंटी-कैंसर गुण होते हैं और उनमें कैंसर की कोशिकाओं को मारने की क्षमता होती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन कैंसर को रोकने या उसका इलाज करने में मदद करता है।यह कैंसर के प्रसार को धीमा कर सकता है और कीमोथेरेपी को अधिक प्रभावी बना सकता है। कैंसर सेल्स को नष्ट करने में भी प्रभावी हो सकता है। कच्ची हल्दी का सेवन ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलन और त्वचा कैंसर के मामलों में फायदेमंद साबित हो सकता है। इसलिए यह कैंसर और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को रोकने में भी मदद करता है।
इम्युनिटी स्ट्रॉंग बनाती है

हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं जो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। रात में सोते समय 1 कप दूध को कच्ची हल्दी के साथ उबालने के बाद सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इससे सर्दी, खांसी जैसी कई मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है।
लिवर को रखे स्वस्थ
हल्दी में कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लिवर को डिटॉक्स करने यानी इसमें जमा गंदगी को दूर करने में मदद करते हैं। अगर आप फैटी लिवर से पीड़ित हैं तो आज से ही हर दिन कच्ची हल्दी का सेवन करना शुरू कर दें। इससे लिवर का फैट भी कंट्रोल होगा और दूसरी बीमारियां भी दूर हो जायेंगी।
रखती है जवां

यह एंटी-ऐजिंग होती है और हमें ऐजिंग से दूर रखकर लंबे समय तक जवां रखती है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं को दूर करने में जादू की तरह काम करते हैं। यह मुंहासों से भी निजात दिलाती है। हल्दी के नियमित इस्तेमाल से आपकी त्वचा चमकदार और जवां नजर आएगी।
मेंटल हेल्थ के लिए भी है ज़रूरी
हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन न सिर्फ हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि यह हमारे मानसिक स्वासथ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद करक्यूमिन ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ता है, जो मस्तिष्क सेल्स को नुकसान पहुंचाने से रोकता है और अवसाद तथा चिंता के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है। यह मस्तिष्क को न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। इससे याददाश्त अच्छी होती है और यह अल्ज़ाइमर बीमारी से बचाती है।
कैसे करें हल्दी का इस्तेमाल

हल्दी में उपस्थित करक्यूमिन लिपोफिलिक होता है यानि कि यह वसा से बंधा होता है। जब हम खाना बनाने में तेल का इस्तेमाल करते हैं तो यह करक्यूमिन तेल से बंध जाता है और आसानी से हमारे पेट में अवशोषित हो जाता है। तेल के अलावा काली मिर्च भी यह काम कर सकती है। इसमें मौजूद पिपरिन नाम का एक यौगिक करक्यूमिन को अवशोषित करने में मदद करता है। इसलिए हल्दी, काली मिर्च और तेल को मिलाकर खाना बनाना चाहिए। अगर आप हल्दी के दूध का सेवन करते हैं तो उसमें थोड़ी सी काली मिर्च ज़रूर डाल लें।