Lifestyle Disorder: खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, ये तो सभी जानते हैं, जिसके बारे में किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, नए अध्ययन में यह साबित हुआ है कि भारतीय लोगों में दो में एक व्यक्ति लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से प्रभावित है। यह स्टडी रेडक्लिफ लैब्स द्वारा की गई है। जिसमें देश भर के 2.8 मिलियन लोगों के हेल्थ डेटा का विश्लेषण किया गया। इसमें बताया गया है कि प्रभावित लोगों में से 52 प्रतिशत महिलाएं और 48 प्रतिशत पुरुष थे।
भारत में हर दूसरा व्यक्ति है लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का शिकार
हालांकि, सरकार और लोगों की जागरुकता की वजह से भारत में संक्रामक रोगों में कमी आई है, लेकिन फिर भी यह समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है। दरअसल, आज डायबिटीज, थायरॉयड, लिपिड डिस्बैलेंस, किडनी डिसऑर्डर, फैटी लीवर, गठिया, हार्ट प्रॉब्लम्स और कैंसर जैसी पुरानी हेल्थ कंडीशन्स पूरे देश में व्यापक रूप से फैली हुई हैं। इन सभी समस्याओं की वजह तेजी से बढ़ता शहरीकरण, गतिहीन लाइफ स्टाइल, डाइट में बदलाव, तनाव, डिजिटल लत और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक फूड का सेवन है।
रेडक्लिफ लैब्स की चीफ पैथोलॉजिस्ट डॉ. मयंका लोढ़ा सेठ ने इस बारे में कहा, “यह डेटा दिखाता है कि गैर-संचारी रोग (non-communicable diseases) अब केवल बूढ़े लोगों तक सीमित नहीं हैं। हम देखते हैं कि ये स्थितियाँ सभी एज ग्रुप और जेंडर के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। गैर-संचारी रोग 9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गए हैं और इनकी मृत्यु दर लगभग 62 प्रतिशत तक पहुँच गई है। यह देश के लिए एक स्वास्थ्य संकट है, जिसकी रोकथाम बहुत जरूरी है। इसके लिए हमें एक्टिव लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, पौष्टिक हेल्दी फूड खाने चाहिए और हेल्थ चेकअप्स कराते रहना चाहिए। दरअसल, समय पर पता लगने से बीमारी का शुरुआत में ही इलाज होने लगता है।”

गैर-संचारी रोगों (non-communicable diseases) के बढ़ते केसेस को देखते हुए इन्हें मैनेज करने के लिए निवारक स्वास्थ्य सेवा (Preventive healthcare) को अब जरूरी माना जता है। पहला कदम जागरूकता बढ़ाना और यह समझना है कि हर व्यक्ति इन स्थितियों की रोकथाम में कैसे योगदान दे सकता है।
रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक और सीईओ आदित्य कंडोई ने जोर देकर कहा, “यह फैक्ट कि 2 में से 1 व्यक्ति लाइफ स्टाइल की वजह से होने वाली बीमारियों के जोखिम में हैं, चिंताजनक है। रेडक्लिफ लैब्स भारत को गुणवत्तापूर्ण इलाज का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अब समय आ गया है कि हमारी कम्यूनिटी बेहतर हेल्थ और कल्याण के लिए रोकथाम का संकल्प ले। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, हमारे पास एक प्रगतिशील राष्ट्र के तौर पर सेंसिबल ऑप्शन बनाने की शक्ति है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए सही उदाहरण पेश करता है। भारत में 14.4 मिलियन से अधिक बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं, जो एनसीडी का प्रमुख कारण है। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और आज से ही उपाय करना शुरू कर देना चाहिए।”

क्या है लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के कारण?
बता दें कि प्रोसेस्ड फूड की लोकप्रियता और गतिहीन लाइफस्टाइल ऐसी बीमारियों को बढ़ाती है, जो लाइफस्टाइल से संबंधित होती हैं। यह व्यक्तियों के लिए हेल्थ के लिए फैसले लेने, बेहतर आदतें अपनाने और प्रीवेंटिव स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर डालता है। इन स्थितियों के मैनेजमेंट और प्रभाव को कम करने के लिए शुरुआती इलाज जरूरी है।
रेडक्लिफ लैब्स प्रीवेंटिड हेल्थ सर्विस के बारे में जागरूकता बढ़ाने में भी एक्टिव रही है। डिजिटल और सामुदायिक सहभागिता एक्टिविटी के जरिए कंपनी विश्व हृदय दिवस 2024 पर 7.2 मिलियन से अधिक लोगों तक और वर्ल्ड डायबिटीज डे 2024 पर लगभग 9.34 मिलियन लोगों तक पहुँची।

फिलहाल, यह वाकई सोचने वाली बात ही कि भारत में हर दूसरा व्यक्ति लाइफस्टाइल की वजह से होने वाली समस्याओं से पीड़ित है, तो इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि लोगों को अपनी लाइफस्टाइल को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे हेल्दी लाइफ जी सके।
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