Black Plastic May Cause Cancer: आजकल आपने देखा होगा कि ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने पर खाना ब्लैक कलर के प्लास्टिक कंटेनर में आता है। हालांकि, यह देखने में काफी कूल लगता है, लेकिन सेहत के लिहाज से उतना ही हानिकारक होता है। हाल ही में, वायरल हुए इंस्टाग्राम वीडियो ने खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक कंटेनर्स की सेफ्टी को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी इन कंटेनर्स के इस्तेमाल से होने वाले जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है, जिनमें जहरीले रसायन होते हैं, जो भोजन में घुल सकते हैं, खासकर गर्म होने पर।
काले प्लास्टिक के डिब्बों में खाना हो सकता है खतरनाक
हालांकि, ब्लैक प्लास्टिक को सीधे कैंसर से जोड़ने का कोई निश्चित सबूत नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों ने 85 प्रतिशत काले प्लास्टिक कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में चिंताजनक रसायन पाए हैं। फूड ट्रे, कंटेनर और बर्तन जैसी रोजमर्रा की चीजों में इस्तेमाल होने वाला ब्लैक प्लास्टिक अक्सर पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स सहित रिन्यू की गई चीजों से बनता है। इन चीजों में डेकाबीडीई जैसे रसायन होते हैं जो उन्हें अग्निरोधी (Fire Retardant) बनाते हैं, जो खाने में ट्रांसफर हो सकते हैं, खासकर जब वे गर्म खाने या खट्टी चीजों के संपर्क में आते हैं।

क्या कैंसर का कारण बन सकते हैं काले प्लास्टिक के कंटेनर?
वैज्ञानिक पत्रिका केमोस्फीयर में प्रकाशित एक अध्ययन ने 203 काले प्लास्टिक प्रोडक्ट्स का विश्लेषण किया और 85 प्रतिशत सैंपल में जहरीले अग्निरोधी रसायनों को पाया। काले प्लास्टिक के बर्तन और कंटेनर जहरीले अग्निरोधी पदार्थों के कारण कैंसर का खतरा पैदा करते हैं। डेकाबीडीई और इसी तरह के यौगिक ‘कार्सिनोजेन्स और एंडोक्राइन डिसरप्टर्स’ हैं, जो हार्मोनल सिस्टम को बिगाड़ सकते हैं और संभावित रूप से कैंसर का कारण बन सकते हैं।
बता दें कि ब्लैक प्लास्टिक में बिस्फेनॉल ए (बीपीए) और फथलेट्स जैसे पदार्थ होते हैं, जो हार्ट प्रॉब्लम्स, डायबिटीड और प्रजनन संबंधी समस्याओं से जुड़े होते हैं। अध्ययन में स्टायरोफोम कंटेनर और रोज़मर्रा के रसोई के बर्तनों जैसी चीजों में संभावित ब्रेस्ट कैंसर वाले तत्वों की मौजूदगी के बारे में बात की गई है, जो आम तौर पर फूड पैकेजिंग की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल उठाता है। चूँकि प्लास्टिक में ‘कार्बन ब्लैक’ नामक पदार्थ मिलाकर काला रंग बनाया जाता है, इसलिए इसमें कई यौगिक होते हैं। इनमें से कुछ जैसे पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं, जिसके कारण इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने कार्बन ब्लैक को “संभवतः मनुष्यों के लिए कार्सिनोजेनिक” के रूप में कैटगराइज किया है।

ब्लैक प्लास्टिक के हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभाव
ब्लैक प्लास्टिक के कंटेनर में अगर आप खाना मँगवाते हैं तो इससे हेल्थ पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
कैंसर
काली प्लास्टिक के कंटेनरों में पीएएच और बीपीए जैसे कार्सिनोजेनिक रसायन होते हैं, जो खाने में घुलकर कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, खासकर ब्रेस्ट कैंसर।
मोटापा और डायबिटीज
अध्ययनों से पता चला है कि ब्लैक प्लास्टिक में मौजूद रसायन, जैसे कि बीपीए और थैलेट्स प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों के कारण बन सकते हैं।
दिमाग पर असर
शोध से पता चलता है कि काली प्लास्टिक में कुछ एडिटिव्स के संपर्क में आने से बच्चों के दिमाग पर कुछ ऐसे असर हो सकते हैं, जिससे आईक्यू में कमी के साथ-साथ अन्य डिसऑर्डर भी हो सकते हैं।

सूजन और तनाव की समस्या
काले प्लास्टिक से माइक्रोप्लास्टिक फूड, पानी और हवा में पहुँच जाता है, जिससे मानव शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव होता है। उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन वे बढ़ती चिंता का विषय हैं।
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