Pariksha Pe Charcha 2025: परीक्षा का समय चल रहा है और हर बच्चा किसी ना किसी तरह के स्ट्रेस का सामना कर रहा है। परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के लिए उसके ऊपर दबाब है। ऐसे में बच्चों का घबराना और नर्वस होना सामान्य बात है। बच्चों के इसी डर और स्ट्रेस को दूर करने और परीक्षा के दौरान उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए परीक्षा पे चर्चा 2025 के सातवें एपिसोड में सोमवार को विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता अवनी लेखरा, और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज ने बच्चों के साथ असफलता से उबरने, फोकस्ड रहकर पढ़ने और जीवन में चुनौतियों को स्वीकार करने के टिप्स साझा किए। इस दौरान इन्होनें अपने जीवन की कहानी से जुड़े कई किस्से भी साझा किए।
सूरज की तरह चमकने के लिए उसकी तरह तपना ज़रूरी

सुहास लालिनाकेरे यथिराज ने बच्चों से कहा कि आपका दिमाग़ ही आपका सबसे बड़ा मित्र और आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। इसपर ही आपको नियंत्रण करना है। नर्वस होना तो सामान्य बात है। किसी भी परीक्षा में चाहें वो खेल की हो या बोर्ड की डर का सामना करना आना चाहिये। क्या होगा, सामने कौन है कुछ मत सोचिए क्योंकि उससे आपको कुछ नहीं मिलेगा। आप बस अपना बेस्ट दो। सूरज की तरह अगर चमकना है तो सूरज की तरह तपना भी होगा। उन्होंने यह भी बताया कि वो अपने पहले एशियाड मैच के दौरान कितने नर्वस थे और फिर किस तरह उन्होंने ख़ुद को समझाया, डर को बाहर निकाला और हर मैच में अपना बेस्ट परफॉरमेंस किया।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं
8 वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल जीत चुकीं मैरी कॉम ने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि शुरुआत में उन्हें बहुत मुश्किल हुई, क्योंकि बॉक्सिंग महिलाओं का खेल नहीं है। लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया।उन्होंने कहा कि जीवन में कोई भी काम आसान नहीं है, कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। आपको हर जगह मेहनत करनी होगी। अपने इफ़र्ट्स को दुगना, तिगुना करिए, रिजल्ट ज़रूर मिलेगा। जर्नी चलती रहनी चाइए। सफलता के लिए हमेशा काम करना होता है।
डीप ब्रीदिंग
अवनी लेखारा ने कहा बच्चों को पढ़ाई और स्पोर्ट्स में बैलेंस बनाकर रखती थी। जब एग्जाम का समय होता है तब आप उस पर फोकस करें। डरने की जगह आँख बंद करें और जो भी पढ़ा है उसको इमेजिन करें। डीप ब्रीदिंग करें और सब कुछ कल्पना करें। आपको चीज़ें हमेशा याद रहेंगी। याद रखें असफलता से घबराना नहीं है बल्कि उससे सीखना है और अपने ज्ञान को बढ़ाना है। बीच में ब्रेक लें, वॉक करें और इस दौरान चीज़ों को दोहराने की कोशिश करें।
म्यूजिक थेरेपी
एक्सपर्ट्स ने बच्चों को सलाह दी कि परीक्षा के समय रिलैक्स्ड रहने के लिए कोई अच्छा म्यूजिक लगायें, दो मिनट के लिए आँख बंद करें, गहरी साँस लें और फिर आँख खोलें। इससे आपके अंदर पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होगा और आप बेहतर परफॉर्म कर सकेंगे।
डिसट्रैक्शन से बचें
अवनी लेखारा ने बच्चों को डिसट्रैक्शन से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि चाहें आप कम देर पढ़ें लेकिन नियमितता ज़रूरी है। आधा घंटे भी पूरे फोकस के साथ पढ़ते हैं तो वो ज्यादा काम का है। जिन चीज़ों से मन भटकता है उन्हें दूर करें।