क्लासिकल म्यूजिक भ्रूण की हार्ट बीट पर डालता है असर, जानें कैसे: Classical Music For Unborn Babies

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Classical music for unborn babies: आपने सुना होगा कि म्यूजिक में बहुत ताकत होती है। यह आपके मूड को बदलने में बहुत कारगर होता है। अगर आप उदास हैं और हैप्पी सॉन्ग्स आपको खुश कर सकते हैं। इतना ही नहीं, कई हेल्थ प्रॉब्लम्स ऐसी हैं, जिनमें म्यूजिक थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स और मेंटल हेल्थ इश्यूज को ठीक करने में म्यूजिक काफीकारगर होता है। स्पेशली क्लासिकल म्यूजिक (Classical music for unborn babies) की बात करें, तो यह दिल और दिमाग को शांत करने और मूड को ठीक करने में बहुत असरदार होता है।

क्लासिकल म्यूजिक का गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है असर (Classical music for unborn babies)

खैर, इस आर्टिकल में हम आपको संगीत के अजन्में बच्चे की धड़कनों पर पड़ने वाले असर के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय में आपने देखा होगा कि गर्भ में पल रहे बच्चों की हार्ट बीट अचानक रुक जाती है। ऐसे में अबॉर्शन ही एकमात्र विकल्प बचता है, जो काफी दुखद है। ऐसे केसेस काफी सुनने में आ रहे हैं। खैर, अब एक हालिया स्टडी में यह दावा किया गया है कि संगीत गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन पर अच्छा प्रभाव डालता है।

संगीत वास्तव में मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के हार्टबीट के तरीके को बदल सकता है। क्लाउडिया लेर्मा (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ कार्डियोलॉजी इग्नासियो चावेज़) और एरिक अलोंसो अबार्का-कास्त्रो (मेट्रोपॉलिटन ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी कैंपस लेर्मा) के नेतृत्व में किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, जब अजन्मे बच्चे शास्त्रीय संगीत सुनते हैं, तो उनके दिल अलग-अलग तरीकों से धड़कते हैं और यह उनके जन्म के बाद शुरुआती विकास में मदद कर सकता है।

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अजन्में बच्चे की हार्टबीट जन्म के बाद उनके विकास में होती है मददगार

आपको जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन अजन्मे बच्चों के दिल की धड़कन में होने वाले थोड़े से बदलाव जन्म के बाद होने वाले उनके विकास के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। दरअसल, भ्रूण की हार्ट बीट उसकी हेल्थ, शारीरिक व मानसिक विकास और तनाव के बारे में बताती है।

क्या कहती है स्टडी?

यह अध्ययन 37 गर्भवती स्वयंसेवकों पर किया गया था, जिन्होंने भ्रूण के दिल की रिकॉर्डिंग का दिखाया, जो स्टडी के लिए काफी थी। अध्ययन के लिए दो क्लासिकल म्यूजिक पीस चुने गए, जिनमें से एक फ्रांसीसी संगीतकार केमिली सेंट-सेन्स द्वारा गया गया “द स्वान” और दूसरा मैक्सिकन संगीतकार अबुंडियो मार्टिनेज का “अरपा डी ओरो” था। इस म्यूजिक को प्रतिभागियों के पेट पर रखे विशेष हेडफ़ोन के माध्यम से बजाया गया था। इसकी आवाज नॉर्मल बातचीत जितनी रखी गई थी।

शोधकर्ताओं ने जब रिजल्ट की स्टडी की, तो पाया कि अजन्मे बच्चों की हार्ट बीट पैटर्न पर क्लासिकल संगीत (Classical music for unborn babies) का ज्यादा असर देखा गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी इग्नासियो चावेज़ से इस स्टडी के राइटर क्लाउडिया लेर्मा ने एक बयान में कहा, “कुल मिलाकर, हमने पाया कि संगीत के संपर्क में आने से भ्रूण की हार्ट बीट स्थिर हो गई।”

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वहीं, मेट्रोपॉलिटन ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी कैंपस लेर्मा की को-राइटर सह-लेखक एरिक अलोंसो अबार्का-कास्त्रो ने बताया, “दूसरा पार्ट कुछ ज्यादा प्रभाव डालता हुआ नजर आया। जो यह दिखाता है कि इसने हार्ट रेट पैटर्न का बनाया, जो ज्यादा पूर्वानुमानित और नियमित था। यह म्यूजिक, सुर-लय और ताल जैसी चीजों से जुड़ा हो सकता है।”

यह स्टडी ये तो साफ करती है कि संगीत सुनने से वाकई प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे को हैप्पी रखने में कारगर है। आजकल भ्रूण के हार्ट बीट रुकने के मामलों को देखते हुए भी म्यूजिक थेरेपी बड़े काम की हो सकती है।

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