Emotional Obesity: अक्सर आपने ये महसूस किया होगा कि जब आप इमोशनल होते हैं, तो या तो आपका बहुत खाने का मन करता है या फिर कुछ खाने का मन नहीं करता है। यह तब होता है, जब आपकी भूख आपकी भावनाएं कंट्रोल करने लगती है। यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, जो लोग इमोशनल ईटिंग का शिकार होते हैं, उनका वजन बढ़ने लगता है, जो कई तरह की समस्याओं को दावत दे सकता है। जबकि कुछ न खाना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसे इमोशनल ओबेसिटी भी कहा जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इमोशनल ओबेसिटी है क्या और यह किस तरह से सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। तो चलिए जानते हैं।-
इमोशनल ओबेसिटी क्या है?
दरअसल, जब व्यक्ति स्ट्रेस में होता है और वह गुस्से में ज्यादा खाता है, तो उसका बढ़ता वजन ही इमोशनल ओबेसिटी कहलाता है। इमोशनल ईटिंग भले ही सुनने में बहुत नॉर्मल साउंड करता है, लेकिन यह बहुत गंभीर समस्या होती है। यह स्थिति दिल से जुड़ी बीमारियों और गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

इमोशनल ओबेसिटी के लक्षण या संकेत
हर बीमारी की तरह इमोशनल ओबेसिटी के भी कुछ लक्षण या संकेत होते हैं, जो आप जान सकते हैं।
- अचानक से वजन का बढ़ना और बॉडी में इंफ्लेमेशन या सूजन महसूस होना।
- बढ़ते वजन की वजह से कॉन्फिडेंस कम होना।
- मीठा या हैवी खाने का मन करना
- भावनात्मक थकान महसूस होना।
- बहुत जल्दी गुस्सा हो जाना।
- फैसला करने में परेशानी होना।
- ज्यादा उदास रहना और ज्यादा लोगों से मिलने का मन न करना।
इमोशनल ओबेसिटी के कारण
इमोशनल ओबेसिटी के कई कारम हो सकते हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा है फीलिंग्स को इग्नोर करना। दरअसल, जब आप इमोशनल ओबेसिटी के लक्षणों को इग्नोर करते हुए ज्यादा टीवी देखते हैं, ज्यादा खाते हैं और अपने इमोशंस को इग्नोर करते रहते हैं, तो इससे इमोशनल ओबेसिटी और बढ़ने लगता है। कई बार अपनी भावनाओं को समझने में परेशानी होने से भी आप इमोशनल ईटिंग का शिकार हो जाते हैं, जो खतरनाक होता है।

इमोशनल ओबेसिटी से कैसे निपटें?
इमोशनल ओबेसिटी से निपटने के कई तरीके हो सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाना जरूरी है। अगर आप अपनी इमोशनल हेल्थ पर काम करें और अपनी भावनाओं को नजरअंदाज न करते हुए उन पर ध्यान दें, तो आपकी समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।
इसके अलावा, अगर आपको ऐसा कुछ महसूस होता है, तो आप अपने करीबी लोगों से बात करें, ताकि आपका मन थोड़ा हल्का हो और आप ज्यादा खाने या उदास रहने से बच सकें। इससे आपको शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहने में मदद मिलेगी। वहीं, आप मेडिटेशन और योग भी कर सकते हैं, ये मन को शांत रखने के सबसे कारगर तरीके होते हैं।
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