Exam Stress: बोर्ड एग्जाम बस शुरू होने को ही हैं। बोर्ड एग्जाम का स्ट्रेस लगभग हर बच्चे को रहता है। कई बार बच्चे एग्जाम के दौरान टेंशन, स्ट्रेस और एंजायटी का शिकार हो जाते हैं। इसके चलते कई बार उन्हें जो याद होता है, एग्जाम हॉल में कॉपी में लिखते वक्त वह सब भूल जाते हैं। हालांकि, इस समस्या से उबरने के लिए टीचर्स और पैरेंट्स बच्चे की कुछ मदद कर सकते हैं। इसके लिए जहां टीचर्स बच्चों को पढ़ाने के तरीके में बदलाव कर सकते हैं, वहीं माता-पिता उसके लिए घर में एक अच्छे माहौल को तैयार कर खान-पान में ऐसी चीजों को शामिल कर सकते हैं, जिससे दिमाग तेज हो और याददाश्त बढ़े।
तो चलिए यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से बच्चों के एग्जाम स्ट्रेस को काफी कम किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं-
बच्चों के पढ़ने के तरीके में करें बदलाव
बच्चे कुछ भी पढ़ा हुआ तब भूलते हैं, जब वे अच्छे से याद नहीं करते हैं या कहें कि समझते नहीं हैं, सिर्फ रटते हैं। ज्यादातर बच्चों को हर चीज रटाई जाती है और यह तो सभी जानते हैं, रटने से बेहतर चीजों को समझना होता है। तो अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे एग्जाम हॉल में कुछ भी नहीं भूलें, इसके लिए उन्हें हर कॉन्सेप्ट को अच्छे से समझाएं। रटाने की बजाय उन्हें किसी चीज से लिंक करके समझाएं या किसी अन्य ट्रिक का इस्तेमाल करें, यह काफी काम का होता है।

पहले से कराएं तैयारी
कई बार क्या होता है कि बच्चे एग्जाम टाइम से जस्ट पहले पढ़ना शुरू करते हैं, ऐसे में सारा सेलेबस पूरा नहीं हो पाता है। इस वजह से एग्जाम टाइम में बच्चों में स्ट्रेस बना रहता है। तो अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे के सामने यह समस्या न आए, तो इसके लिए कोशिश करें कि आपके बच्चे का सेलेबस टाइम से पहले ही पूरा हो जाए। इसके लिए आप उन्हें टाइम मैनेजमेंट सिखा सकती हैं, जिसके तहत हर सब्जेक्ट को पढ़ने का टाइम फिक्स कर सकती हैं। इससे काफी फायदा मिलता है। इसमें उनके खेलने के समय को भी अवश्य जोड़ें।
खान-पान पर दें ध्यान
बच्चों को कुछ भी सिखाने के लिए उनके दिमाग का तेज होना बहुत जरूरी है। यदि उनकी याददाश्त ही दुरुस्त नहीं है, तो आपका बच्चा चाहे जितना पढ़ ले, वह कुछ भी याद नहीं रख पाएग। इसके लिए उसकी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करें, तो दिमाग को तेज करें। इसके लिए आप बच्चों को आवंला खिला सकती हैं। जी हां, आंवला दिमाग के लिए काफी अच्छा होता है। विटामिन सी से भरपूर आँवला शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाकर बच्चों को बीमारियों से दूर रखता ही है, उन्हें स्ट्रेस-फ्री भी रखता है।

जब इसको शहद के साथ मिला देते हैं तो इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं। शहद मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने और याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। ये दोनों एंटी-ऑक्सीडेंट्स का पावर हाउस हैं, जो कई तरह की समस्याओं को दूर करने में भी कारगर होते हैं। यदि बच्चों को रोजाना एक गिलास दूध के साथ शहद में भीगा हुआ एक आवंला खिलाया जाए, तो इससे उसकी मेमोरी तो तेज होती ही है, साथ ही अन्य लाभ भी होते हैं। इसके अलावा, बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, फल, नट्स एंड सीड्स को शामिल करें, जो दिमाग के विकास मदद करते हैं।
बच्चों को पर्याप्त सोने दें
स्ट्रेस दूर करने के लिए पर्याप्त सोना भी बहुत जरूरी होता है। यदि बच्चा रात को समय पर नहीं सोएगा और सुबह को देर से उठेगा, तो यकीन मानिए वह पूरी तरह से फ्रेश फील नहीं कर पाएगा। ऐसे में बच्चे सही तरीके से पढ़ भी नहीं पाते हैं और ज्यादा स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद लें। इससे सुबह को वह फ्रेश होकर उठता है और इससे पढ़ने की क्वालिटी भी बेहतर होती है। इसलिए कोशिश करें कि आपका बच्चा हर रात 8 घंटे अवश्य सोए।

मेडिटेशन और योग से भी मिलेगा फायदा
बच्चों क याददाश्त बढ़ाने के लिए आप बच्चों को योग और मेडिटेशन भी करवा सकते हैं। इससे बच्चों के याद करने की क्षमता भी बढ़ती है, साथ ही दिमाग का भी विकास होता है। वहीं, योग करने से बच्चे हेल्दी रहते हैं। दरअसल, पढ़ाई करते वक्त बच्चों का ध्यान बहुत भटकता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि बच्चों को ध्यान न भटके, तो इसके लिए आप उन्हें योग और मेडिटेशन करवा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे पूरा दिन एनर्जेटिक भी महसूस करते हैं। बच्चों के साथ आप भी मेडिटेशन और योग कर सकते हैं।
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