प्रेग्नेंसी का सिरदर्द हो सकता है दिमाग में ब्लड क्लॉट होने का संकेत: Headache During Pregnancy

Spread the love

Headache During Pregnancy: आजकल प्रेग्नेंसी बिल्कुल भी आसान नहीं है। कंसीव करने से लेकर डिलीवरी तक, महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे ही एक समस्या है सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस (CVST), जो गर्भवती महिलाओं में एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा हेल्थ कंडीशन है। CVST स्ट्रोक का ही एक रेयर टाइट है, जो दिमाग के शिरापरक साइनस में बनने वाले ब्लड क्लॉट्स के कारण होता है।

प्रेग्नेंसी में सिरदर्द का कारण

दरअसल, प्रेग्नेंसी में जमावट सिस्टम में बदल सकता है, जो डिलीवरी के टाइम तक बना रह सकता है और हाइपरकोएग्यूलेशन की ओर ले जाता है, जिससे CVST का जोखिम बढ़ जाता है। सिजेरियन सेक्शन, सिस्टमैटिक इंफेक्शन, उल्टी और एनीमिया इस जोखिम को बढ़ाते हैं। सबसे अधिक जोखिम वाला समय तीसरी तिमाही और डिलीवरी के बाद के पहले 4 सप्ताह हैं। इस बीमारी के जोखिम कारकों में प्रेग्नेंसी, मौखिक गर्भनिरोधक और डिहाईड्रेशन या अधिक स्थायी कारक जैसे थ्रोम्बोटिक रोग, आनुवंशिक थ्रोम्बोफिलिया और कैंसर शामिल हैं।

CVST के लक्षण

डॉक्टर्स की मानें तो सिरदर्द इस स्वास्थ्य समस्या का सबसे आम लक्षण है, जिसकी शिकायत अक्सर सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस के मरीजों द्वारा की जाती है। मरीजों में दिखने वाले अन्य लक्षणों में सिरदर्द, धुंधला विजन, बेहोशी, शरीर के किसी हिस्से में हरकत पर कंट्रोल न होना, दौरे और कोमा शामिल हैं। अगर CVST का इलाज न किया जाए, तो यह बोलने में समस्या, शरीर के किसी हिस्से को हिलाने में कठिनाई, दृष्टि की समस्या, सिरदर्द, नसों पर दबाव और मस्तिष्क की चोट जैसी परेशानियों को जन्म दे सकता है। कुछ मामलों में, यह रोगियों के लिए घातक भी हो सकता है।

महिलाओं में इस समस्या के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में अधिक वजन, स्मोकिंग, डायबिटीज या पहले से कोई सर्जरी शामिल हैं। ये सभी कारण गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट्स के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्रेग्नेंसी एक हाइपरडायनामिक और हाइपरकोएगुलेबल अवस्था है। सरल शब्दों में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड क्लॉट्स बनने का खतरा रहता है। यह थक्का शरीर में कहीं भी बन सकता है। इसे तकनीकी रूप से डीप वेनस थ्रोम्बोसिस (DVT) कहा जाता है। जब यह थक्का मस्तिष्क के अंदर बनता है, तो इसे सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस (CVST) कहा जाता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है।

आम तौर पर इस समस्या के चलते सिरदर्द, उल्टी और दौरे हो सकते हैं। महिलाएं गर्भावस्था के फेज के दौरान सामान्य लक्षणों, सिरदर्द और उल्टी को अनदेखा करती हैं। इसलिए, डॉक्टर को समय पर रिपोर्ट करने और समय पर इलाज कराने की जरूरत होती है।

मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट्स बनने का इलाज

CVST के निदान के लिए, दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन के क्षेत्रों की पहचान की जाती है। मस्तिष्क में ब्लड फ्लो की जांच करने के लिए रोगियों को एमआरआई ब्रेन, एमआर वेनोग्राम, सीटी वेनोग्राम और ब्लड टेस्ट जैसे इमेजिंग परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। जब CVTS का शक होता है, तो पेशेंट को तुरंत मेचिकल हेल्प लेनी चाहिए और एक न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए।

CVST का उपचार

CVST के किसी रोगी को यदि इलाज के बावजूद कोमा के साथ देखा जाता है, तो इसके लिए एंडोवास्कुलर थेरेपी या सर्जिकल ट्रीटमेंट के बारे में सोचा जा सकता है।

सी.वी.एस.टी. की रोकथाम

सी.वी.एस.टी. के जोखिम को कम करने के लिए, लोगों को कम फैट वाली डइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसमें बहुत सारे फल और सब्जियाँ शामिल हों। उन्हें रोज़ाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। सिगरेट के धुएँ से दूर रहें। डायबिटीज जैसी पुरानी हेल्थ कडीशन को कंट्रोल करें।

Also Read: अपनी गट हेल्थ को इन 7 फूड्स के साथ करें बेहतर: Foods For Gut Health

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *