टेस्टिस हाइपोक्सिया से हो सकती है पुरुषों में इन्फर्टिलिटी की समस्या: Infertility in Males

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Infertility in Males: पिछले कुछ सालों में पुरुषों में इन्फर्टिलिटी के मामलों में बढोतरी देखी गई है, जो खराब लाइफस्टाइल की वजह से हो सकती हैं। हालांकि, नई अध्ययन में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पुरुषों के अंडकोष में ऑक्सीजन की कमी पिछले 50 सालों में प्रजनन की क्षमता में गिरावट का कारण है। यह समस्या ऊंचाई पर लंबी पैदल यात्रा, स्लीप एपनिया की वजह से हो सकती है।

ऑक्सीजन की कमी पुरुषों में हो सकती है इन्फर्टिलिटी का कारण

‘नेचर रिव्यूज यूरोलॉजी’ मैगजीन में पब्लिश्ड रिव्यू आर्टिकल में कहा गया है कि कम ऑक्सीजन के संपर्क में आने से पुरुषों के शुक्राणु की क्वालिटी और ओवरऑल प्रजनन स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। इससे पता चलता है कि ‘टेस्टिस हाइपोक्सिया’ पुरुष प्रजनन क्षमता में गिरावट के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

किन कारणों से होती है ऑक्सीजन की कमी?

12 महीने तक नियमित रूप से फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद भी यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो यह पुरुष इन्फर्टिलिटी को दर्शाता है, जबकि कुछ मामलों में कंसीव करने की क्षमता कम होती है। बता दें कि अंडकोष में ऑक्सीजन की कमी, या टेस्टिस हाइपोक्सिया, पुरानी मेडिकल कंडीशन जैसे स्लीप एपनिया या वैरिकोसेले प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एक निरंतर खतरा हो सकता है।

क्या कहती है स्टडी?

स्टडी के चीफ राइटर टेसा लॉर्ड (एक प्रजनन जीवविज्ञानी और ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल विश्वविद्यालय में सीनियर लैक्चरर) ने कहा, “अंडकोष में वैरिकोसेले या बढ़ी हुई नसें एक आम असामान्यता है, जिसे गर्भधारण करने में संघर्ष कर रहे 45 प्रतिशत पुरुषों में इन्फर्टिलिटी का कारण माना जाता है।”

ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया भी एक आम समस्या है, जिसमें गले की मांसपेशियां नींद के दौरान वायुमार्ग को संकीर्ण (पतला) कर देती हैं, जिससे व्यक्ति की सांस और ब्लड ऑक्सीजन का लेवल प्रभावित होता है। ऐसे मामलों में बहुत वृद्धि देखी गई है, जिसमें मोटापा एक मेन जोखिम कारक है। लेखक ने लिखा, “कई स्थितियां वृषण में हाइपोक्सिया का कारण बन सकती हैं, जिसमें हाईट वाली जगहों पर जाना, स्लीप एपनिया, वृषण मरोड़ और वैरिकोसेले शामिल हैं।”

स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर पड़ता है बुरा असर

उन्होंने कहा, “हम मौजूदा शोध से जानते हैं कि वृषण हाइपोक्सिया हार्मोन प्रोडक्शन और जीन एक्सप्रेशन को बाधित करके शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी को निगेटिव रूप से प्रभावित कर सकता है।” इसके अलावा, जबकि लंबी पैदल यात्रा जैसी ऊंचाई वाली एक्टिविटीज वृषण में ऑक्सीजन की कमी का कारण बन सकती हैं, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।

राइटर आगे कहते हैं कि हालांकि हाइपोक्सिया के अल्पकालिक और दीर्घकालिक जोखिम से शुक्राणुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, लेकिन भ्रूण के विकास और संतान के स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों को कम ही देखा गया है। इसलिए, पिछले 50 सालों में पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए वृषण हाइपोक्सिया जिम्मेदार है।

बच्चों की हेल्थ पर भी पड़ता है असर

सामने आए लेटेस्ट सबूत बताते हैं कि पिताओं में वृषण हाइपोक्सिया के कारण भ्रूण में विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और वे बच्चे बड़े होकर खुद प्रजनन संबंधी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए और अधिक रिसर्च करने की जरूरत है।

बॉडी का ऑक्सीजन लेवल कैसे बढ़ाएं

  • पूरी बॉडी में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें
  • कम नमक वाले आहार का सेवन करें
  • हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले पदार्थ का सेवन करें
  • ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
  • एंटीऑक्सिडेंट्स का सेवन करें

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