Menopause Diet: मेनोपॉज हर महिला में होने वाली एक आम प्रक्रिया है, जो महिलाओं में 45-50 की उम्र के बाद होती है। यह आम शब्दों में कहे तो पीरियड बंद होने की स्थिति है, जो तब होती है जब एक महिला को 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं हुआ हो। आमतौर पर इसकी उम्र 51 वर्ष होती है। दरअसल, ऐसी स्थिति में अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम कर देते हैं, जिससे मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है।
इसका रिजल्ट यह होता है कि महिला को पीरियड्स होने बंद हो जाते हैं। हिंदी में इसे रजोनिवृत्ति कहा जाता है, जिसके लक्षणों में हॉट फ्लैश और योनि का सूखापन शामिल है। ऐसे में आप अपने मेनोपॉज के करीब पहुंचने पर एक खास डाइट (Menopause Diet) फॉलो कर सकती हैं।
मेनोपॉज के तीन चरण
बता दें कि मेनोपॉज के तीन चरण होते हैं, जो काफी सामान्य और नॉर्मल प्रोसेस है। इन तीन चरणों को प्री-रजोनिवृत्ति, रजोनिवृत्ति और पोस्ट-रजोनिवृत्ति के रूप में बांटा गया है।
प्री-मेनोपॉज
यह रजोनिवृत्ति से पहले का परिवर्तनकाल है, जो महिला के 40 के दशक में शुरू होता है। हालांकि, यह पहले भी शुरू हो सकता है। इस समय में महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ने-घटने लगता है, जिसकी वजह से अनियमित मासिक धर्म चक्र, हॉट फ्लैश, रात में पसीना आना और मूड स्विंग होता है। यह चरण कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों तक चल सकता है।

मेनोपॉज
यह वह अवस्था होती है, जिसमें महिला को 12 महीनों तक मासिक धर्म नहीं होता है। यह आमतौर पर 51 की उम्र के आसपास होता है। इस समय के दौरान, अंडाशय एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम कर देते हैं, जिससे मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता समाप्त हो जाती है। इसके लक्षण हॉट फ्लैश और वजाइना का सूखापन है।
पोस्ट-मेनोपॉज
लास्ट में पोस्ट-मेनोपॉज शुरू होती है, जो मेनोपॉज के बाद की स्थिति होती है और अंत तक बनी रहती है। इसमें हार्मोन का लेवल कम हो जाता है और मेनोपॉज के लक्षण धीरे-धीरे कम हो सकते हैं। हालांकि, हार्मोन के लेवल के गिरने से कुछ हेल्थ इश्यूज हो जाते हैं, जैसे- हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस) और हार्ट प्रॉब्लम होना। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर की सहायता लेनी पड़ सकती है।
अगर आप भी अपने 40 के दशक में पहुंच चुकी हैं और बाद में होने वाली समस्याओं से बची रहना चाहती हैं, तो अपने खान-पान में कुछ बदलाव कर सकती हैं, जिससे इन लक्षणों और बाद में होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स से बची रहो। दरअसल, आपको खाने में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जिनमें प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और आयरन पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों। आइए आपको मेनोपॉज डाइट (Menopause Diet) के बारे में बताते हैं-

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नाश्ता न छोड़ें (Menopause Diet)
दरअसल, हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि आप अपना नाश्ता न छोड़ें। दरअसल, नाश्ता पूरे दिन आपको एनर्जेटिक रखता है, साथ ही हेल्दी भी रखता है, तो आप अपने नाश्ते में ऐसी चीजों को शामिल कर सकती हैं, जो पोषक तत्वों व विटामिन-प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर हो ताकि आप पोस्ट मेनोपॉज में होने वाली कमजोर हड्डियों की समस्या से बची रह सकें।
मूंगफली का सेवन
अपनी डाइट में आप मूंगफली को शामिल कर सकती हैं। दरअसल, मूंगफली एक अच्छा ड्राई फ्रूट माना जा सकता है, जो बादाम वाले काम करती है। दरअसल, हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। इसके अलावा, इसमें फाइबर और एंटीऑक्सडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं।
चावल-छाछ व सब्जियों का करें सेवन
अगर आपको रात में नींद न आने की समस्या, गैस और ब्लोटिंग की दिक्कत होती है, तो आप चावल, छाछ और दाल को मिक्स करके खा सकते हैं। दरअसल, कई बार उम्र बढ़ने के लिए आपको ये समस्याएं होने लगती हैं, जिनसे निजात पाने के लिए आप ये चीजें अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
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