Migraine symptoms, remedies: आज की स्ट्रेसभरी लाइफ में सिरदर्द होना बहुत आम समस्या है। हालांकि, यदि यह सिरदर्द बार-बार लगातार हो रहा है, तो यह कोई आम सिरदर्द न होकर माइग्रेन हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में होता है, जो मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकारों के कारण हो सकता है। आम दर्द से यह काफी अलग होता है, जिसे बर्दाश्त कर पाना बहुत मुश्किल हो सकता है, जो बिना दवाई के खत्म नहीं होता है। आज के समय में यह समस्या 15 लोगों में से एक को है।
इस आर्टिकल में हम आपको माइग्रेन के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि यह क्यों होता है और इससे बचने के क्या तरीके होते हैं।
माइग्रेन के लक्षण क्या है?
माइग्रेन आधे सिर में होने वाला दर्द है, जो नॉर्मल सिरदर्द से बहुत अलग होता है और असहनीय होता है। यह दर्द कुछ समय से लेकर एकदिन यहाँ तक की कई बार दो-तीन दिन तक भी रह सकता है। इस दर्द के होने से मरीज को कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
- चिड़चिड़ापन होना
- सिर के एक ही हिस्से में दर्द होना
- प्रकाश और ध्वनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना
- आंखो के आगे काला धब्बा दिखना
- त्वचा में चुभन महसूस होना
- कमजोरी महसूस होना
- आंखो के नीचे काले घेरे

माइग्रेन के कारण
दरअसल, माइग्रेन तब होता है, जब मस्तिष्क के नर्व, कैमिकल और ब्लड वेसल्स में कुछ समय के लिए बदलाव होते हैं। इससे सिर में दर्द होता है। हालांकि, इसके निश्चित कारणों के बारे में तो कहीं सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ कारण है जो इस दर्द को ट्रिगर कर सकते हैं। दरअसल, मस्तिष्क के रसायनों में बदलाव होने से माइग्रेन हो सकता है। इसकी शुरुआत सेरोटोनिन के कारण होती है। माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कारण निम्न हैं-
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
- ज्यादा स्ट्रेस का होना
- महिलाओं में हार्मोन्स में बदलाव होना
- तेज रोशनी
- तेज आवाज, शोर
- नींद में बदलाव का आना
- सिगरेट और शराब पीना
- ज्यादा गर्मी
- तेज गंध
- उल्टी
माइग्रेन का इलाज
वैसे तो माइग्रेन का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ दवाओं के जरिए इस दर्द को कम किया जा सकता है। दरअसल, डॉक्टर को दिखाने पर माइग्रेन के कारणों को देखते हुए उसके प्रकार का पता लगाने पर आपको कुछ दवाएं दी जाती हैं, जो आपके दर्द को कम करने में मदद करती हैं। इससे दर्द कंट्रोल किया जा सकता है। हालाँकि, पहले आप कोशिश करें कि आप बिना दवाइयों के सेवन से माइग्रेन की समस्या को मैनेज कर सकें।
आयुर्वेदिक औषधियाँ
माइग्रेन से निपटने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का भी सेवन कर सकते हैं। इनमें से एक है अश्वगंधा। इसको हर दिन रात को लेने से आप माइग्रेन की समस्या से राहत पा सकते हैं। इसके अलावा ब्राह्मी भी इसके लिए रामबाण औषधि है। डीप ब्रीथिंग करें।
माइग्रेन में क्या खाना चाहिए
माइग्रेन के दर्द से निजात पाने के लिए आप कुछ चीजों का सेवन कर सकते हैं, जो आपको इस दर्द से उबरने में मदद करेंगे। इनमें पालक, नट्स, पानी की भरपूर मात्रा, अदरक, फैटी फिश और विटामिन डी युक्त चीजें खाएं। दरअसल, विटामिन डी की कमी से भी माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। जंक फ़ूड और प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन करने से बचें। घर का फ्रेश खाना ही लें। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए हर दिन दो लीटर पानी ज़रूर पियें। इससे आपको माइग्रेन होने की संभावना काफ़ी कम हो जाएगी। हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और फलों को डाइट का हिस्सा ज़रूर बनायें। स्नैक्स में ड्राई फ्रूट्स को शामिल करें। स्मोकिंग और अल्कोहल का अगर आप सेवन करते हैं तो आप इसको तुरंत बंद कर दें।