भारत में मोटापा तय करने के नये दिशानिर्देश हुए जारी: New guidelines for obesity

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New guidelines for obesityआजकल हर दूसरा व्यक्ति अपने बढ़ते वजन से परेशान है। इतना ही नहीं बच्चे भी मोटापे के शिकार हो रहे हैं, जो वास्तव में चर्चा का विषय है। बढ़ता वजन व्यक्तिगत तौर पर ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी बड़ा मुद्दा बन गया है। दरअसल, इस बीच, भारतीय डॉक्टरों ने मोटापे के निदान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो भारत में एक बड़ा संकट बन गया है।

नेशनल डायबिटीज ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन (एन-डीओसी), फोर्टिस सी-डीओसी अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने ‘डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम: क्लिनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज’ में प्रकाशित दिशा-निर्देशों में मोटापे के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव के बारे में बताया है, जो हर चरण के लिए अलग-अलग है।

इन दिशा-निर्देशों में मोटापे को दो स्टेप में विभाजित किया गया है।

स्टेप 1: शरीर में एक्स्ट्रा फैट (बीएमआई 23 किग्रा/एम2 से अधिक) जो अंगों की एक्टिविटीज को प्रभावित नहीं करती है, उसे स्टेप 1 मोटापा माना जाता है। हालांकि, इस चरण का मोटापा हेल्थ के लिए समस्या का कारण नहीं बनता है, लेकिन अगले चरण की तरफ बढ़ सकता है।

स्टेप 2: अगर BMI 23 किग्रा/एम2 से अधिक हो, पेट की चर्बी में इजाफा, कमर का बड़ा आकार या कमर-से-ऊंचाई का हाई अनुपात चिह्नित किया जाता है, तो यह मोटापे का दूसरा चरण होता है। यह फिजिकल एक्टिविटीज को प्रभावित कर सकता है, जिससे अधिक वजन के कारण गठिया या टाइप 2 डाबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए कैसे कम करें वजऩ

अगर आप बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो पहले अपने मोटापे के चरण को समझें और उसके बाद लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करें, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं-

मोटापे का पहला चरण

लाइफस्टाइल में बदलाव: अगर आप मोटापे के पहले चरण में हैं, तो इसके लिए अपनी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और बाकी एक्टिविटीज पर ध्यान दें।

जरूरी दवा लें: कई बार मोटापा अन्य स्वास्थ्य संबंधी भी होता है। ऐसे में पूरी जांच कराने के बाद आप कुछ दवाएं भी ले सकते हैं, जो वजन कम करने में आपकी मदद करेगी। ध्यान रहें वे ही दवा लें, जिनका ज्यादा साइड इफेक्ट ना हो।

मोटापे का दूसरा चरण

डाइट मैनेजमेंट: अगर आप मोटापे के दूसरे चरण में हैं, तो आपको अपनी पूरी लाइफस्टाइल पर ध्यान देना जरूरी है, स्पेशली डाइट पर। इसलिए कम कैलोरी का सेवन करें। कैलोरी कम करते हुए मैक्रोन्यूट्रिएंट्स को संतुलित करें। कम कार्बोहाइड्रेट और कीटोजेनिक डाइट फॉलो करें, क्योंकि यह कम समय में वजन घटाने में कारगर होती है, खासकर हाई कार्ब डाइट वाले लोगों के लिए।

फिजिकल एक्टिविटीज करें: फिट रहने और वजन कम करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी होता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ओवरऑल हेल्थ बेहतर होती है। इसके लिए-

  • प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट एक्सरसाइज करें
  • लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें
  • एरोबिक एक्सरसाइज करें
  • अपने रूटीन को देखते हुए एक्सरसाइज रूटीन तैयार करें
  • हालांकि, जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, वे पहले जांच कराएं।
  • चिकित्सा स्थितियों वाले लोगों के लिए व्यायाम से पहले स्वास्थ्य जांच करें।

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