रिजुता दिवेकर ने घर के खाने को बताया बेस्ट, निखिल कामथ के सिंगापुर के नो-किचन कल्चर पर कहा-अमीर लड़कों की बात नहीं सुनें: No-Kitchen Trend

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No-Kitchen Trend: आजकल के यूथ और बच्चों को घर से ज्यादा बाहर का खाना पसंद आता है। जबकि पहले के लोग हमेशा यही मानते थे कि बाहर का खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है, घर का बना फ्रेश खाना ही सबसे अच्छा होता है। यही बात अब सेलिब्रिटी डायटीशियन रिजुता दिवेकर ने भी कही हैं। रिजुता की यह टिप्पड़ी ज़ीरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के बाहर के खाने को सपोर्ट करते हुए शेयर किए गए एक पोस्ट के बाद आयी है। जानते हैं कि आख़िर क्या है पूरा मामला

आख़िर क्या लिखा कामथ ने

Nikhil Kamath

निखिल कामथ ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “मैं इस सप्ताह सिंगापुर गया था; वहां कई लोगों से मिला, उनमें से ज़्यादातर लोग घर पर खाना नहीं बनाते और अन्य लोगों के घर में तो किचन ही नहीं है।” भारत में अभी भी दक्षिण-पूर्व एशिया के बराबर बड़े पैमाने के रेस्टोरेंट ब्रांड नहीं हैं। भारत की फ़ूड इंडस्ट्री केवल 30 प्रतिशत संगठित है, जबकि अमेरिका में यह 55 प्रतिशत है।

उन्होंने आगे लिखा, “अगर भारत भी इस ट्रेंड को फॉलो करता है, तो निवेश करने वालों के लिए रेस्टोरेंट खोलना एक बड़ा अवसर साबित होगा, लेकिन हमारे पास ऐसे ब्रांड नहीं हैं जो दक्षिण-पूर्व एशियाई चैन से बराबरी कर सकें। हमारे उपभोग और व्यवहार में क्या अंतर है? और क्या यह तब बदलेगा जब प्रति व्यक्ति जीडीपी 5K यूएसडी को पार कर जाएगी और श्रम लागत बढ़ जाएगी?”

अपनी बात को साबित करने के लिए कामथ ने डेटा भी साझा किए हैं, जिनसे पता चलता है कि दूसरे देशों में बाहर खाना कहीं अधिक सामान्य है।

हमारे यहां प्रोटीन की है कमी

ज़ीरोधा फाउंडर ने पोस्ट में यह भी शेयर किया है कि अधिकांश भारतीयों को अपने भोजन से प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल रही है और 80 प्रतिशत से अधिक लोग अपनी दैनिक ज़रूरत से कम प्रोटीन ले रहे हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि वैसे अब भारत में खाने की आदतें बदल रही हैं और अब अधिक लोग स्वस्थ खाने पर ध्यान दे रहे हैं।

घर के खाने से बढ़ती है बाण्डिंग

निखिल कामथ के पोस्ट की आलोचना करते हुए सेलिब्रिटी नूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने लिखा कि घर का खाना स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा रहता है, इससे बीमारियों से बचाव होता है। यही नहीं यह पारिवारिक और सामुदायिक बाण्डिंग भी बढ़ाता है। इससे लोगों में आपसी प्यार और सुरक्षा की भावना आती है।

अमीर लड़कों की बातें ना सुनें

निखिल कामथ का नाम लिए बिना रिजुता ने अपने रीडर्स को कहा कि अमीर लड़कों की बात नहीं सुनें। उन्होंने कहा कि चाहें आप लड़का हों या लड़की, आपकी उम्र कुछ भी हो, अमीर हों या ग़रीब, खाना हर किसी को बनाना चाहिए।

यूज़र्स ने भी किया घर के खाने का समर्थन

इंस्टाग्राम और X के यूज़र्स भी रिजुता का समर्थन करते दिख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा की यह बिलकुल सही है। घर का खाना ही सबसे अच्छा होता है। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- कैसे अमीर लड़के भी अपना घर खरीदते समय किराए पर घर लेने का सुझाव देते है। एक यूजर ने कमेंट किया कि अमीर लड़के अब सिंगापुर की खोज कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि यह भारत की समस्याओं का इलाज है। यूज़र्स ने यह भी कहा कि भारत जैसे बड़े देश में सिंगापुर की तरह स्ट्रीट फ़ूड कल्चर नहीं अपनाया जा सकता है। वहाँ हॉकर्स को सरकारी सहायता भी मिलती है। साथ ही वहाँ का स्ट्रीट फ़ूड में जिस तरह की साफ़-सफ़ाई है, वो यहाँ संभव नहीं है।

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