क्या आपके पीरियड्स भी होते हैं सिर्फ 1-2 दिन, जानें कारण: Periods Problem

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Periods Problem: आजकल की खराब लाइफस्टाइल महिलाओं के पीरियड्स पर भी असर डालती है, जिसकी वजह से अनियमित पीरियड्स होने की शिकायत होने लगती है। दरअसल, 3 से 6 दिन तक चलने वाले पीरियड्स को नॉर्मल माना जाता है। हालांकि, आजकल ऐसे केस बहुत देखने को मिल रहे हैं, जिनमें महिलाओं या लड़कियों को सिर्फ एक या दो दिन ही पीरियड्स होते हैं। यह चिंता का विषय हो सकता है।

28 से 40 दिन का साइकिल माना जाता है सामान्य

बता दें कि हर महिला का पीरियड साइकिल और टाइम अलग-अलग होता है। यह साइकिल 28 से 40 दिन का हो सकता है। मतलब किसी महिला को पीरियड्स 28 दिन के अंतराल पर आ सकते हैं, किसी को 30 या 32 दिनों के अंतराल पर आ सकते हैं। किसी-किसी में यह 40 दिन की साइकिल भी होती है। अगर आपको हर बार उतने ही दिनों के अंतराल पर महावारी हो रही है, तो यह नियमित साइकिल माना जाता है। हालांकि, कभी आपको 28 तो कभी 30 या 32 दिनों में पीरियड्स आ रहे हैं, तो यह अनियमित चक्र कहलाता है।

पीरियड साइकिल सबकी होती है अलग

इसके अलावा, हर किसी के पीरियड्स की अवधि भी अलग-अलग होती है। किसी को 3 दिन तो किसी को 5 दिन तक महावारी होती हैं। हालांकि, अगर आपको सिर्फ एक या दो दिन या फिर 8 दिन से ज्यादा पीरियड्स हो रहे हैं और हैवी या फिर बहुत हल्का फ्लो हो रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। कई बार हार्मोनल बदलाव की वजह से ये सब हो सकता है, जिसमें आपको डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

ये सब चीजें महिला की लाइफस्टाइल, वर्क लाइफ और वर्कआउट रूटीन पर निर्भर करता है। यदि महिला का खानपान सही नहीं है, तनाव अधिक रहता है, इंटेंस वर्कआउट करना पड़ता है, तो ये सभी चीजें आपके महावारी चक्र को प्रभावित कर सकती हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कम पीरियड्स आने की क्या वजह हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं-

अधिक स्ट्रेस

आजकल का वर्क कल्चर ऐसा है कि हर किसी को स्ट्रेस होना आम बात है। ऑफिस में डेडलाइन की सुई दिमाग पर प्रेशर बनाए रखती है, जिसकी वजह से तनाव हो जाता है। इसके अलावा, भी तनाव के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, यह स्ट्रेस आपके हार्मोन को डिस्बैलेंस कर सकता है। ऐसे में अगर आपके पीरियड्स कम है या अनियमित हैं, तो आपको स्ट्रेसफ्री रहने की कोशिश करनी होगी। जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च में पब्लिश हुए अध्ययन के मुताबिक, तनावपूर्ण जॉब में महिलाओं का पीरियड साइकिल कम होने की संभावना रहती है।

इंटेंस एक्सरसाइज

आजकल खुद को फिट रखने के लिए महिलाएं भी जिम में खूब पसीना बहाती हैं। हालांकि, ज्यादा एक्सरसाइज करने से आपके हार्मोन में भी बदलाव आ सकता है, जिससे ओव्यूलेशन कंट्रोल करने वाला हार्मोन भी प्रभावित होता है। इससे पीरियड्स के दिन भी कम हो सकते हैं।

कुछ दवाइयों की वजह से

अगर आप कुछ खास तरह की दवाइयां खा रही हैं, तो भी आपके हार्मोन्स में बदलाव आ सकते हैं। जैसे अगर आप ब्लड कंट्रोल, खून पतला करने वाली दवाएं और स्टेरॉयड ले रही हैं, तो इससे भी पूीरियड्स कम हो सकते हैं। BMJ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि स्टेरॉयड मासिक धर्म पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।

अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

PCOS, थायरॉयड, डायबिटीज या फिर कुछ सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज जैसी समस्याओं की वजह से भी पीरियड्स साइकिल को कम कर सकती हैं। इसकी वजह से आपका मूड स्विंग्स भी हो सकता है।

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