Potassium-rich Salt: नमक हमारे खाने का एक अहम एलिमेंट्स है, जो किसी भी नमकीन डिश का स्वाद बढ़ाने का काम करता है। हालांकि, नमक सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं हेल्थ के लिए भी काफी जरूरी होता है। दरअसल, नमक में आयोडिन होता है, जो शरीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसे में अब लोग नमक के प्रति काफी जागरुक हो गए हैं। वैसे बाजार में कई तरह के नमक उपलब्ध हैं, लेकिन पिंक सॉल्ट, सेंधा नमक या रॉक सॉल्ट सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जाता है।
सोडियम युक्त रेगुलर नमक हो सकता है नुकसानदायक
अब, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कम सोडियम वाले नमक को इस्तेमाल करने के लिए नई गाइड-लाइन्स जारी की हैं। संगठन ने पहले भी सोडियम के सेवन को 2 ग्राम/दिन से कम करने की बात कही थी, साथ ही रेगुलर नमक को पोटेशियम युक्त कम सोडियम वाले नमक से रिप्लेस करने की वकालत की थी।

बता दें कि नमक कौन सा और कितनी मात्रा में खाना चाहिए, यह जानना बहुत जरूरी होता है। दरअसल, नमक खाने से शरीर में जरूरी पानी की मात्रा बनी रहती है, लेकिन यदि नमक ज्यादा खाया जाए, तो फिर पानी की अधिक मात्रा हो जाती है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है।
ज्यादा सोडियम वाले नमक खाने के नुकसान
कार्डिएक वेलनेस इंस्टीट्यूट चेन्नई की संस्थापक प्रिया चोकलिंगम बताती हैं कि नमक में मौजूद सोडियम और पानी हमारे शरीर में एक साथ जर्नी करते हैं। नमक की वजह से शरीर में जरूरी मात्रा में पानी बना रहता है। ऐसे में जो लोग नमक ज्यादा खाते हैं, उनमें ब्लड वेसेल्स में ज्यादा पानी बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। इसलिए, नमक का सेवन कम करने से ब्लड में भी नमक की मात्रा में कमी आती है, जिससे बॉडी के सिस्टम पर भार कम होता है। इससे बीपी नॉर्मल हो जाता है।
इसके अलावा, यह हार्ट हेल्थ में भी निश्चित रूप से सुधार करेगा और स्ट्रोक को रोकने में मदद करेगा। बता दें कि वैश्विक तौर पर हर साल आठ मिलियन मौतें सिर्फ खराब डाइट की वजह से जुड़ी होती हैं, जिनमें से 1.9 मिलियन हाई सोडियम के सेवन की वजह से होती है। ऐसे में यदि खाने में सोडियम युक्त नमक को कम किया जाए, तो इससे बीपी को कम किया जा सकता है, साथ ही हार्ट संबंधी समस्याएं और क्रोनिक किडनी रोगों को भी कम किया जा सकता है।

पोटेशियम क्लोराइड नमक है बेहतर
इसके अलावा, हाई सोडियम नमक का सेवन कम करने से गैस्ट्रिक कैंसर के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। ऐसे में हेल्दी रहने के लिए घर में इस्तेमाल किए जाने वाले रेगुलर नमक NaCl (सोडियम क्लोराइड) को KCl (पोटेशियम क्लोराइड) से बदलना बेहतर रहेगा। हालांकि, पैकेज्ड खाद्य पदार्थों या बाहर के खाने में नॉर्मल नमक का इस्तेमाल ही होता है।
भारत में ‘जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ’ के कार्यकारी निदेशक विवेकानंद झा कहते हैं कि यह गाइडलाइन्स भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां हर चीज में एक्स्ट्रा नमक डाला जाता है। वे कहते हैं कि इस आदत को बदलने के लिए यह अच्छा समय है। आगे प्रोफेसर झा बताते हैं, “नमक कम करने के संदेश के साथ लोगों को समझाने के बजाय नमक को बदलना बेहतर रहेगा। ऐसे में कम सोडियम वाले नमक को हर किसी के लिए उपलब्ध और किफायती बनाना चाहिए।”

वे कहते हैं कि WHO के दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से उन लोगों के लिए नहीं हैं, जो कम पोटेशियम वाली डाइट लेते हैं। उनके लिए रेगुलर नमक अभी भी उपलब्ध हो सकता है।
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