Rule For Good Sleep: बिजी लाइल, वर्क स्ट्रेस, टेंशन और कंपटीशन के चलते रात को नींद न आना एक सामान्य समस्या है। हालांकि, अगर रोज रात को नींद नहीं आ रही है, तो इसकी वजह से आप बीमार पड़ सकते हैं। नींद न आने की कई वजह हो सकती है, जैसे- देर रात तक स्क्रीन पर समय बिताना और ड्रिंक करना। अगर आप भी नींद न आने की समस्या से परेशान हैं, तो इसका एक सीधा सा उपाय है, जिसे करने के बाद आपकी नींद न आने की समस्या दूर हो जाएगी, यह है 10-3-2-1-0 नियम (Rule For Good Sleep)।
यह नियम फैंसी गैजेट या सख्त रूटीन की तरह नहीं है। यह एक प्रैक्टिकल, साइंटिफिक दृष्टिकोण है जो आपको बेहतर नींद और तरोताजा होकर जागने में मदद करता है। ऐसे में अपनी रूटीन हैबिट्स में छोटे-छोटे बदलाव करके, आप आखिरकार रात को सुकून से सो सकते हैं।

10-3-2-1-0 नियम क्या है? What is the Rule For Good Sleep?
10-3-2-1-0 नियम (Rule For Good Sleep) नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सोने से पहले की जाने वाली क्रियाओं की समय-सीमा बताता है।
सोने से 10 घंटे पहले: कैफीन से बचें

कैफीन नींद को भगाने का काम करता है, जो आपके शरीर में कई घंटों तक रहता है। ऐसे में सोने के समय से 10 घंटे के भीतर कॉफी, चाय या एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने से आपकी नींद आने की क्षमता बाधित हो सकती है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि सोने से पहले आपके शरीर में कैफीन एक्टिव न हो, नहीं तो नींद आने में समस्या हो सकती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सोने से छह घंटे पहले भी कैफीन का सेवन करने से नींद आने का समय बढ़ जाता है।
सोने से 3 घंटे पहले: खाना-पीना बंद करें
रात को सोने से तुरंत पहले हैवी खाना या शराब पीना आपके शरीर के प्राकृतिक नींद चक्र में बाधा डाल सकता है। शराब शुरू में आपको नींद में डाल सकती है, लेकिन बाद में यह नींद को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में शाम का खाना हमेशा सोने से 2 या 3 घंटे पहले ही कर लें और हल्का डिनर लें।
सोने से 2 घंटे पहले: काम या स्क्रीन टाइम खत्म करें

देर तक काम करना या फोन पर रील्स देखते रहना ये आपकी नींद को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, फ़ोन, टैबलेट और लैपटॉप जैसे उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन के उत्पादन को दबा देती है, जो नींद के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन है। सोने से करीब 2 घंटे पहले आपके दिमाग को शांत हो जाना चाहिए। क्रोनोबायोलॉजी इन मेडिसिन द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि सोने से पहले नीली रोशनी के संपर्क में आने से मेलाटोनिन का लेवल कम हो जाता है, जिससे नींद आने में देरी होती है और नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सोने से 1 घंटा पहले: स्क्रीन के बिना आराम करें
अपने दिन के आखिरी घंटे में ऐसे एक्टिविटी करें, जो स्क्रीन और आपको आराम देने वाली हों। इसके लिए आप किताब पढ़ सकते हैं, जर्नल लिख सकते हैं या स्ट्रेचिंग कर सकते हैं।
0: सुबह अलार्म बजने पर स्नूज़ बटन न दबाएँ
जब अलार्म बजता है, तो स्नूज़ बटन न दबाएं। स्नूज़ करने से आपकी नींद का चक्र बाधित होता है और आप सुस्त महसूस कर सकते हैं। ऐसे में अलार्म बजने के पहली बार में उठने की कोशिश करें, यह आपकी बॉडी को एक समय पर उठने के लिए तैयार करता है और आपको फिर वैसी ही आदत बन जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि एक निश्चित समय पर जागने से सर्कैडियन लय में सुधार होता है, जिससे नींद की गुणवत्ता और सतर्कता बेहतर होती है।
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