Salt For Health: नमक हमारे खाने का एक अहम हिस्सा होता है, जिसके बिना हर सब्जी का स्वाद अधूरा रहता है। यदि नमक न हो, तो यकीन मानिए लोग मीठे पर जिंदा नहीं रह पाएंगे। हालांकि, हेल्दी रहने के लिए सही नमक का चुनाव करना जरूरी होता है। यदि आप खाने में सही नमक का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो इससे आपको हाई बीपी, हार्ट स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। दरअसल, हम सब रेगुलर नमक का ही इस्तेमाल करते हैं, जबकि इसमें सोडियम की अधिक मात्रा होती है, जो सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
सोडियम युक्त नमक से हो सकता है हाई बीपी और स्ट्रोक का खतरा
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि रेगुलर नमक की जगह कम सोडियम वाले नमक का सेवन करने से स्ट्रोक के जोखिम को 14 प्रतिशत तक और मृत्यु के जोखिम को 12 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह अध्ययन द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुआ था, जिसमें वुहान विश्वविद्यालय, चीन और जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता शामिल थे।
इसके अलावा, हार्ट प्रॉब्लम्स की रोकथाम के लिए भी पिछले काफी समय रेगुलर नमक की जगह कम सोडियम वाले नमक की सलाह दी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रतिदिन पाँच ग्राम से कम नमक या लगभग दो ग्राम सोडियम के सेवन की सलाह दी है। दरअसल, नमक के विकल्प में उस नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें पोटैशियम और सोडियम का लेवल कम हो।

रेगुलर नमक की जगह इस्तेमाल करें कम सोडियम वाला नमक
इससे पहले किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि सोडियम का सेवन कम करने और पोटैशियम लेने से ब्लड प्रेशर के लेवल और हार्ट संबंधी समस्याओं के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है, जिसमें स्ट्रोक भी शामिल है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने ‘नमक विकल्प और स्ट्रोक अध्ययन’ (SSaSS) टेस्ट से लिए गए डेटा का विश्लेषण किया। बता दें कि ये SSaSS परीक्षण 2014 में शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य नमक और नमक के अन्य ऑप्शन्स के इस्तेमाल करने से पहड़ने वाले प्रभावों की तुलना करना था। इस अध्ययन को 75 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड और 25 प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड और नियमित नमक (पूरी तरह सोडियम क्लोराइड) के साथ किया गया था।
बता दें कि यह स्टडी चीन के पांच प्रांतों के 600 ग्रामीण गांवों के लगभग 21,000 लोगों पर की गई थी। इस अध्ययन में जितने लोगों को शामिल किया गया था, उनमें से लगभग तीन-चौथाई लोगों को स्ट्रोक की हिस्ट्री थी और लगभग 90 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक आयु के थे, जिन्हें हाई बीपी की समस्या थी।
इस स्टडी के लेखकों ने इस बारे में कहा, “नमक के विकल्प के इस्तेमाल से स्ट्रोक के जोखिम में 14 प्रतिशत की कमी आई और मृत्यु दर में 12 प्रतिशत की कमी आई।” वहीं, नमक के ऑप्शन्स का इस्तेमाल करने वाले ग्रुप में स्ट्रोक काफी कम पाए गए, जबकि नमक लेने वाले ग्रुप मे कमी देखी गई। वहीं, मृत्यु जोखिम में 21 प्रतिशत की कमी आई।

ऐसे में इस अध्ययन से यह तो साफ है कि यदि आप सोडियम युक्त नमक का सेवन करते हैं, तो इससे आपको स्ट्रोक की समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि इससे हाई बीपी की दिक्कत भी होती है। तो आप इसकी जगह ऐसे नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें सोडियम कम हो। वैसे, सेहत के लिहाज से सेंधा नमक, रॉक सॉल्ट और पिंक सॉल्ट बेहतर माने जाते हैं।