हमेशा होती है कुछ ख़रीदने की इच्छा, कहीं आप भी शॉपिंग की लत का शिकार तो नहीं? Shopping Addiction

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Shopping Addiction: बत्तीस साल की सपना ने हाल ही में एक बढ़िया फ़ोन ख़रीदा है। हालाँकि, सपना के पास पहले भी अच्छा-ख़ासा फ़ोन था। लेकिन, नया फ़ोन ख़रीदने के बाद सपना को एक अलग ही तरह का रिलीफ और ख़ुशी मिली। ऐसी ख़रीददारी रीना थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर करती है। सपना अकेली नहीं बल्कि उसकी तरह ऐसे बहुत से लोग हैं जो हमेशा कुछ ना कुछ शॉपिंग करते रहते हैं। अगर ऑफलाइन नहीं कर पाते तो वो ऑनलाइन कुछ ना कुछ ख़रीदते रहते हैं। लेकिन, यह कोई सामान्य बात नहीं है। दरअसल, ऐसे लोग शॉपिंग की लत का शिकार होते हैं और इसी कारण वो समय-समय पर ऐसा करते रहते हैं।

एक रिसर्च में सामने आया है कि दुनिया भर में 40 करोड़ शॉपिंग की लत का शिकार हैं। यानी 5% लोग दुनिया में इस लत के शिकार हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो शॉपिंग की लत एक तरह का बिहेवियरल एडिक्शन है। इसमें व्यक्ति न चाहते हुए भी बिना ज़रूरत की चीज़ें ख़रीदता रहता है। दिमाग़ में हमेशा कुछ ना कुछ चलता रहता है और जब तक ख़रीददारी नहीं हो जाती तब तक बैचेनी बनी रहती है। चलिए आज हम आपको शॉपिंग की लत के लक्षण, कारण और इससे बचने के तरीक़े के बारे में बताते हैं।

कैसे पहचानें इस लत को

Shopping addiction is a behavioural problem

समय-समय पर कुछ ना कुछ ख़रीदने की इच्छा होना: हमेशा लगता रहता है कि यह सामान पुराना हो गया अब नया लेना चाहिये।

शॉपिंग ना कर पाने पर असहज महसूस करना: अगर कुछ ख़रीद नहीं पाते हैं तो अजीब सा लगता रहता है। कम्फर्टेबल फील नहीं होता है।

शॉपिंग के बाद मन खुश होना और अच्छा लगना: जैसे ही कोई नयी चीज़ घर में आती है इन लोगों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं होता है।

शॉपिंग के थोड़े समय बाद अपराधबोध महसूस करना: शॉपिंग करने और उसके थोड़ी देर तक तो बहुत ख़ुशी होती है, लेकिन बाद में पछताते हैं और अपराधबोध महसूस करते हैं।

हमेशा शॉपिंग के बारे में सोचते हैं: कोई भी नया सामान लेने के कुछ दिन बाद ही कुछ और ख़रीदने का मन करता रहता है। दिमाग़ में कुछ ना कुछ चलता रहता है।  

बेकार के ख़र्चों पर कंट्रोल नहीं कर पाना: फ़िज़ूल में बहुत पैसा खर्च करते रहते हैं।

शॉपिंग नहीं कर पाने से बैचैनी होना: अगर कभी किसी कारण से ये लोग शॉपिंग नहीं कर पाते हैं तो दिमाग़ में अस्थिरता बनी रहती है, बैचेनी होती रहती है।

शॉपिंग की लत के कारण

अकेलापन: कई लोग अकेलेपन के कारण शॉपिंग करते हैं, क्योंकि इससे उनका समय पास होता है और उन्हें ख़ुशी भी मिलती है। हालाँकि, यह ख़ुशी थोड़े समय की ही होती है।

आत्मविश्वास की कमी: ऐसे लोग जिनमें आत्विश्वास की कमी होती है वो शॉपिंग के ज़रिये अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस बूस्ट करने का प्रयास करते हैं।

स्ट्रेस-बस्टर: एंग्जाइटी, डिप्रेशन भी शॉपिंग की लत की वजह हो सकती हैं। तनाव में रहने वाले लोगों के लिए यह स्ट्रेस बस्टर का तरीक़ा होता है।

शॉपिंग की लत से बचने के तरीक़े

बजट बनायें: अपनी हर महीने की आमदनी और खर्चों का हिसाब लगायें। इस बजट के हिसाब से ही खर्च करें।

‘नो स्पेंडिंग’ चैलेंज: थोड़े समय के लिए शॉपिंग बंद करने का ख़ुद को चैलेंज दें। क्रेडिट कार्ड का कम से कम इस्तेमाल करें।

शॉपिंग ऐप्स हटायें: स्मार्टफ़ोन में इंस्टॉल्ड शॉपिंग ऐप्स में तरह-तरह के ऑफर आते रहते हैं। कई लोग इनका लाभ लेने के लिए फ़ालतू में ही शॉपिंग करते रहते हैं। इसलिए आप कुछ समय के लिए ये ऐप्स हटा दें।

टाइम पास के दूसरे तरीक़े ढूँढे: कई बार ख़ाली बैठे रहना भी इसकी वजह हो सकता है। इसलिए कोशिश करें कि अपने समय को दूसरे कामों में लगायें।

तो, आप भी देखें की कहीं आप शॉपिंग लत का शिकार तो नहीं है।

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