Botox Side Affects: इसमें कोई शक नहीं कि हर कोई सुंदर और जवान दिखना चाहता है। इसके लिए महिलाएं क्या कुछ नहीं करतीं। फेशियल कराने से लेकर महंगे-महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का उपयोग करने तक, स्किन को फिट और यंग रखने के लिए महिलाएं हर तरीका अपनाती हैं। ऐसे में पिछले कुछ सालों से बोटोक्स ट्रीटमेंट का नाम काफी सुनने को मिल रहा है।
दरअसल, ज्यादातर सेलेब्स बढ़ती उम्र में भी यंग दिखने के लिए बोटोक्स ट्रीटमेंट लेती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बोटोक्स ट्रीटमेंट के कुछ नुकसान भी होते हैं।
आइए आपको बोटोक्स और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं-
क्या है बोटोक्स?
बता दें कि बोटोक्स एक तरह का बैक्टेरियम है जिसे कोलस्ट्रीडियम बोटुलिनम के नाम से भी जाना जाता है। लोग बोटोक्स का इंजेक्शन लेते हैं, जिससे उनकी खूबसूरती में इजाफा होता है। हालांकि, इस ट्रीटमेंट को लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य परमार्श कर लेना चाहिए, क्योंकि शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि बोटोक्स के कुछ खतरे भी हैं।

क्यों किया जाता है बोटोक्स इंजेक्शन का इस्तेमाल?
बोटोक्स का इस्तेमाल मांसपेशियों और त्वचा यानी स्किन कि खूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके अंदर कुछ ऐसे गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह नसों में मौजूद किसी भी तरह के ब्लॉकेज को ठीक कर देता है। इससे झुर्रियों को रोकने में मदद मिलती है, जिससे यंग दिखने में मदद मिलती है। हालांकि, कम उम्र के लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
बोटोक्स इंजेक्शन के नुकसान
बोटोक्स जहां खूबसूरती को बढ़ाने में कारगर होता है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। दरअसल, बोटोक्स इंजेक्शन में टॉक्सिन यानी कि एक तरह का जहर मौजूद होता है। अगर इसका सही इस्तेमाल किया जाए, तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, अन्यथा जरा सी गलती होने पर यह आपका चेहरा बिगाड़ भी सकता है।
बोटोक्स को वहीं इंजेक्ट किया जाता है, जहां का ट्रीटमेंट करवाया जाता है। हालांकि, कई बार ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाता है। इसकी वजह से आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बोटोक्स से होने वाली परेशानी
- भूख बढ़ जाना
- थकान होने लगना
- खुजली होना
- दाने निकलना
- डायरिया होना
- आंखों में जलन होना
- कभी कभी बुखार होना
- सूजन की शिकायत होना
- एलर्जी की शिकायत होना
- संक्रमण होने का खतरा होना
- मांसपेशियों का कमजोर होना
- इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द होना
- इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा छाना
- इन्फ्लुएंजा सिंड्रोम होने की संभावना होना