Sleep Apnea: क्या आपको भी रात में ठीक से नींद नहीं आती है और आप भी खर्राटे से परेशान हैं। अगर हाँ तो यह स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है। स्लीप एपनिया नींद से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिसमें नींद के दौरान आपको साँस लेने में परेशानी होती है। पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने से आप हांफने लगते हैं और बीच में जाग जाते हैं। हालाँकि, ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं चल पाता है कि नींद के दौरान उन्होंने सांस लेना बंद कर दिया है। इसी वजह से खर्राटे भी आते हैं। अगर समय रहते आपने इस और ध्यान नहीं दिया और इसका उपचार नहीं करवाया, तो इसके कारण कमजोर इम्यूनिटी, मेमोरी लॉस, हार्ट फेलियर, नींद से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। और मानसिक रोग आदि। इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
स्लीप एपनिया के कारण
सोते समय शरीर की सभी मांसपेशियों रिलैक्स हो जाती हैं। इसमें वे मांसपेशियाँ भी शामिल हैं, जो गले को खुला रखने में मदद करती हैं। इससे हवा को फेफड़ों तक जाने का रास्ता मिलता है। आमतौर पर सोते वक्त गला हवा के जाने के लिए पर्याप्त खुला रहता है, लेकिन जिन लोगों का गला पतला यानी संक्रीर्ण होता है, उनके ऊपरी गले की मांसपेशियां लूजहो जाती हैं। इससे ऊतक बंद हो जाते हैं और हवा के जाने का रास्ता बंद हो जाता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके अन्य कारक भी हैं, जो स्लीप एपनिया के जोखिम को और बढ़ा सकते हैं-
- निचला जबड़ा ऊपरी जबड़े की तुलना में छोटा होना
- तालु या वायुमार्ग के निश्चित आकार के होने से अधिक सिकुड़ने के कारण
- बड़ी गर्दन या कॉलर का आकार (पुरुष 17 इंच (43 सेंटीमीटर) और महिलाओं का 16 इंच (41 सेंटीमीटर))
- बड़ी जीभ, जो पीछे की ओर गिर सकती है और वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकती है
- मोटापा
- बड़े टॉन्सिल और एडेनोइड्स, जो वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकते हैं

स्लीप एपनिया के लक्षण
अगर आपको भी स्लीप एपनिया की समस्या है, तो आपको कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं, जो निम्न प्रकार हैं-
- खर्राटे अक्सर बहुत तेज हो जाते हैं।
- तेज खर्राटे और हांफने की आवाज
- सुबह थके हुए होना
- दिन भर नींद या सुस्ती महसूस होना
- व्यवहार में चिड़चिड़ापन
- याददाश्त कमजोर होना
- काम करते वक्त सो जाना
- गाड़ी चलाते समय नींद आना
स्लीप एपनिया से बचाव के उपाय
अच्छी बात यह है कि आप कुछ सरल तरीक़े अपनाकर स्लीप एपनिया की स्थिति से बच सकते हैं। जानते हैं इन तरीक़ों के बारे में-
वेट लॉस
स्लीप एपनिया से बचने के लिए वजन को नियंत्रित रखना ज़रूरी है। अगर आपका वजन अधिक है, तो इसकी वजह से नींद के दौरान आपका श्वास मार्ग ब्लॉक हो सकता है और यह साँस रुकने की वजह बन सकता है।
वर्कआउट
हर दिन 30 मिनट का वर्कआउट आपको स्लीप एपनिया से बचाने में मदद कर सकता है। वर्कआउट से सिर्फ़ शरीर ही नहीं मस्तिष्क भी फ्रेश रहता है और अच्छी नींद आती है।
योग और मैडिटेशन
योग में जब आप डीप डीप ब्रीदिंग करते हैं और साँस पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो इससे श्वास मार्ग खुलता है और शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बढ़ता है। इसलिए योग को रूटीन में शामिल करके आप स्लीप एपनिया से बच सकते हैं।
सोते समय नाक को खुला रखें
कई बार नाक बंद होने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। अगर नाक बंद है तो सेलाइन नेजल स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। इससे नाक खुल जाएगी और आप ठीक से साँस ले सकेंगे।
डाइट
अच्छी स्लीप के लिए अच्छी डाइट भी ज़रूरी है। डाइट में फल, सब्ज़ियाँ, जूस आदि शामिल करें। जर्नल ऑफ स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एक चीज जो इस समस्या के जोखिम को कम करने में मदद करती है, वह है पनीर। पनीर की पोषण वैल्यू संभावित रूप से स्लीप एपनिया से जुड़े कुछ केस में लाभकारी हो सकता है। दरअसल, इसमें हाई क्वालिटी वाले प्रोटीन, कैल्शियम, फैटी एसिड, बायोएक्टिव पेप्टाइड्स, अमीनो एसिड और प्रमुख विटामिन होते हैं।

अच्छी हेल्थ के लिए ये सभी बहुत जरूरी होते हैं। अपनी रिसर्च में शोधकर्ताओं ने विस्तार से बताया कि खराब मेटाबॉलिज्म और हार्ट हेल्थ स्लीप एपनिया के जोखिम को बढ़ाता है, लेकिन पनीर में मौजूद पोषक तत्व इन कारकों को प्रभावित करते हैं।
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