Sleepmaxxing: आज की तनाव से भरी जिंदगी और ऑफिस के वर्क लोड की वजह से नींद न आने की समस्या आम हो गई है। ज्यादातर लोगों को अब इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे- ज्यादा काम का स्ट्रेस, करियर की टेंशन, शिक्षा को लेकर तनाव और ज्यादा स्क्रीन टाइम। ऐसे में आरामदायक नींद न आने की वजह कई तरह की बीमारियां भी शरीर में घर कर लेती हैं।
आंकड़ों की मानें, तो भारत में भी 61 प्रतिशत लोग पिछले एक साल से 6 घंटे से कम नींद ले रहे हैं, जो चिंता का विषय है, क्योंकि शरीर को स्वस्थ रहने और थकान दूर करने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी होती है ताकि शरीर को पर्याप्त आराम मिल सके। ऐसे में ‘स्लीपमैक्सिंग’ नाम का शब्द ट्रेंड में आया है, जो परफेक्ट नींद लाने की एक तरकीब है।

क्या है स्लीपमैक्सिंग?
स्लीपमैक्सिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें नींद की क्वालिटी को बेहतर बनाने पर काम किया जाता है, ताकि नींद अच्छे से पूरी हो सके। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। (Sleep) यानी नींद और (Maxing) मतलब अधिक करना, दो शब्दों से मिलकर बना Sleepmaxxing ऐसी विधि है, जिसमें नींद गहरी और आरामदायक बनाई जा सके जिससे बॉडी को अच्छे से रिलेक्स मिल सके। इसमें एक खास प्रक्रिया के तहत 8 घंटे की पर्याप्त नींद दिलाने की कोशिश की जाती है।
स्लीपमैक्सिंग के लिए सही वातावरण है जरूरी
हालांकि, स्लीपमैक्सिंग में शरीर को रिलेक्स करने के लिए पर्याप्त नींद दिलाने की कोशिश की जाती है, लेकिन इसके लिए सही माहौल की जरूरत होती है। जैसे इसके लिए आपको एक ऐसा शांत कमरा होना चाहिये और इसका तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिये। इसके लिए आपका गद्दा और तकिया भी आरामदायक होना चाहिए। इसके अलावा इसमें मोबाइल, टीवी और लैपटॉप जैसे गैजेट्स से दूर रखा जाता है। वहीं, सोने और उठने का टाइम भी तय रहता है और आपको हर रोज यही पैटर्न फॉलो करना होता है।
खराब नींद का प्रभाव
खराब नींद या कम नींद के असर के बारे में बात करें, तो नींद की कमी से दिल संबंधी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह और डिप्रेशन जैसे समस्याएं हो सकती हैं। स्वस्थ रहने के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है, लेकिन आज भी लोग खराब नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि आजकल की खराब लाइफस्टाइल की वजह से अच्छी नींद लेना मुश्किल हो गया है। ऑफिस जॉब, ज्यादा फिजिकल एक्टिविटीज का न होना या अधिक स्क्रीन टाइम की वजह से यह समस्या और ज्यादा बढ़ गई है।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप अपनी नींद की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए स्लीपमैक्सिंग पैटर्न अपना रहे हैं, तो इसके लिए आपको कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखना होगा। जैसे-
- स्क्रीन टाइम कम करें।
- सोने से पहले कैफीन और अल्कोहल का सेवन नहीं करें।
- सोने से पहले किताब पढ़े या हल्का म्यूजिक सुनें।
- नियमित योग और मेडिटेशन करें।
- सही हेल्दी डाइट लें। रात में भारी, मसालेदार खाना खाने से बचें।