बोतल के पानी से ज्यादा सुरक्षित है नल का पानी: Tap Water Safer Than Bottled Water

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Tap Water Safer Than Bottled Water: पिछले कुछ सालों से जल प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। आलम यह है कि आप बिना फिल्टर किया हुआ पानी नहीं पी सकते, क्योंकि इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में नल के पानी की तुलना में प्यूरीफाई वाटर पीना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में नल का पानी देश में उपलब्ध बोतलबंद पानी से ज़्यादा सुरक्षित है। नई रिसर्च के मुताबिक भी नल का पानी ज्यादा हेल्दी ऑप्शन है।

‘BMJ ग्लोबल हेल्थ’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन में कहा गया है कि अमेरिका में नल का पानी बोतल बंद पानी की तुलना में हमेशा ज़्यादा हेल्दी विकल्प होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहाँ पीने का पानी दूषित है, लेकिन हाई इनकम और हाई-मीडियम इनकम वाले देशों में नल का पानी आम तौर पर सुरक्षित, सस्ता, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। हालांकि, इसमें कहा गया है कि कम आय और मध्यम आय वाले देशों को बुनियादी ढाँचे और सुरक्षित नल के पानी की उपलब्धता में निवेश करना चाहिए।

अमेरिका में नल का पानी क्यों है सुरक्षित?

संयुक्त राज्य अमेरिका में नल के पानी को पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है, ताकि इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और पब्लिक हेल्थ की रक्षा की जा सके। 1974 में कांग्रेस द्वारा पारित सुरक्षित पेयजल अधिनियम देश के पीने के पानी के लिए स्टैंडर्ड निर्धारित करता है। यह अधिनियम पब्लिक वाटर सिस्टम को EPA विनियमों को फॉलो करने का आदेश देता है, जिसमें पानी की क्वालिटी की निगरानी करना और उनके निष्कर्षों की पारदर्शी रिपोर्ट प्रदान करना शामिल है।

इसके अतिरिक्त, इस कानून के अनुसार नगर निगम के वाटर सिस्टम को उपभोक्ताओं को वार्षिक जल गुणवत्ता रिपोर्ट जारी करनी होती है, जिससे उन्हें अपने पीने के पानी की क्वालिटी की जानकारी हो कि यह उनके लिए कितना सेफ है। ये नियम पूरे देश में पब्लिक वाटर सप्लाई को बनाए रखने के लिए जरूरी है। दूसरी ओर बोतल वाले पानी को खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा विनियमित किया जाता है, जिसके पास नल के पानी की तुलना में नियम सख्त नहीं हैं। इसलिए पानी की क्वालिटी को बनाए रखने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत है।

माइक्रोप्लास्टिक की समस्या अध्ययनों ने साबित किया है कि पानी की बोतलों से प्लास्टिक पानी में घुल जाता है, जिसमें प्रति लीटर 240,000 प्लास्टिक के टुकड़े हो सकते हैं। उन टुकड़ों में से, 90% नैनोप्लास्टिक थे, जो हृदय रोग और कैंसर सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े हैं। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि माइक्रोप्लास्टिक संदूषण ऑक्सीडेटिव तनाव, इम्यूनिटी और लिपिड मेटाबॉलिज्म के बदलाव के जरिए मोटापे से भी जुड़ा हुआ है।

हालांकि, नल का पानी भी बीमारियों से रहित नहीं है। 2023 में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया था कि अध्ययन में पाया गया कि लगभग 45% अमेरिकी पीने के पानी के सैंपल में पॉलीफ्लुओरोएल्काइल पदार्थ (PFAS) की मौजूदगी थी। एक अन्य अध्ययन में कुछ नगरपालिका वाटर सिस्टम में आर्सेनिक, फ्रैकिंग तरल पदार्थ, सीसा, नाइट्रेट और यूरेनियम जैसे दूषित पदार्थों की उपस्थिति मिली।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लास्टिक की बोतलें महासागर प्रदूषक के रूप में दूसरे नंबर पर रैंक करती हैं और सभी प्लास्टिक कचरे का 11.9% हिस्सा बनाती हैं। जबकि बोतलबंद पानी का उपयोग पानी की आपात स्थिति के मामले में किया जा सकता है, लेकिन अमेरिका में नल का पानी ज्यादातर मामलों में सुरक्षित है। इसके अलावा, नल का पानी किफायती, पर्यावरण के अनुकूल और पैकेजिंग से मुक्त भी है।

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