अच्छी नींद चाहिये तो ये टिप्स हैं आपके काम की: Tips For Sound Sleep

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Tips For Sound Sleep: आजकल स्ट्रेस फुल लाइफ और स्ट्रिक्ट डेडलाइन वाली वर्क लाइफ आपकी रातों की नींद भी छीन सकती है। जी हां, अक्सर आपने देखा होगा कि आजकल लोगों को अनिद्रा की समस्या ज्यादा होने लगी है। रात में लोगों को जल्दी नींद नहीं आ पाती है और अगर आ भी जाए, तो वह अच्छी नींद नहीं होती है। रात को बार-बार आंख खुलने से आपको पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता है, जिसकी वजह से सुबह को उठने पर भी आप फ्रेश फील नहीं कर पाते हैं।

वैसे, नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें स्क्रीन टाइम का ज्यादा होना, स्ट्रेसफुल लाइफ का होना या फिर एप्निया की समस्या का होना। ऐसे में वैसे, तो आप कई तरीके आजमा सकते हैं, जिनसे आपको नींद आने में मदद मिलेगी, लेकिन यहां हम आपको एक मनोवैज्ञानिक तरकीब के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बेहतर नींद पाने का राज हो सकती है।

बेड और नींद के बीच का कनेक्शन

वैसे, ये तो सभी जानते हैं कि अगर बेड कंफर्टेबल हो, तो नींद भी अच्छी आती है। कई लोगों को आपने कहते सुना होगा कि उन्हें बेड से ज्यादा चारपाई पर अच्छी नींद आती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि चारपाई आपकी बॉडी के अनुसार एडजस्ट हो जाती है, जबकि बेड पर ऐसा नहीं होता। इसलिए आजकल मार्केट में बेहतर नींद दिलाने का दावा करने वाले ढेर सारे मैट्रेस हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ अगर आपको सोने में दिक्कत हो रही है तो बिस्तर से उठ जाएं। नींद न आने की समस्या के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी में इस तकनीक को स्टीमुलस कंट्रोल कहा जाता है।जबकि कुछ एक्सपर्ट्स नींद न आने की कंडीशन में फर्श पर लेटने का सुझाव देते हैं। लेकिन, एक सोफे या कंफर्टेबल कुर्सी पर बैठना भी आपको फायदा देगा।

बिस्तर से बाहर निकलने का कारण यह है कि बेड पर होने से बार-बार नींद खुलती है, तो इससे नींद पर असर पड़ता है। ऐसे में तेज और छोटी नींद के लिए यह अभ्यास आपके दिमाग को फ्रेश और क्लीयर करता है।

स्टीमुलस कंट्रोल से बिस्तर पर जागने के बजाय नींद अच्छी आने लगती है। इस ट्रिक को लागू करने का एक तरीका यह है कि जब आपको बहुत नींद आए, तभी बिस्तर पर जाएँ। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर आप थके हुए होने के साथ-साथ स्ट्रेस में भी हैं, तो फिर बेड पर न लेटना ही बेहतर होता है।

नींद में सही तकिया का रोल

रात को सोते समय अगर आपको बेचैनी हो, तो आपको दिक्कत हो सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा तकिए की वजह से भी हो सकता है। दरअसल, गलत तकिया आपकी नींद की क्वालिटी को प्रभावित करता है। मांसपेशियों और हड्डियों का दर्द आपकी नींद को खराब कर सकता है। अगर आप अपनी गर्दन को गलत दिशा में अजीब तरह से मुड़ी हुई देखते हैं, तो इसका सीधा मतलब होता है कि तकिया सही नहीं है।

अच्छी नींद में तकिया अहम भूमिका निभाता है। अगर आप अपनी पीठ के बल सोते हैं, तो गर्दन के लिए एक सपाट तकिया सही रहता है। वहीं, अगर आप करवट लेकर सोते हैं, तो एक ऊंचा तकिया गर्दन के लिए परफेक्ट होता है।”

सोना तभी चाहिए, जब नींद आए। इसके लिए बॉडी की सुननी जरूरी होती है। अगर आप जबरदस्ती सोने की कोशिश करते हैं, तो इससे नींद भी नहीं आएगी और आपको पूरा आराम भी नहीं मिलेग।

स्क्रीन से बनायें दूरी

आजकल देर तक मोबाइल और लैपटॉप के इस्तेमाल के कारण भी नींद में परेशानी होती है। दरअसल इसकी लाइट की वजह से दिमाग़ में असर होता है और इससे देर तक नींद नहीं आती है। इसलिए कोशिश करें कि सोने के कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर दें।

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