Kids Patience: आजकल के बच्चे स्मार्ट होने के साथ-साथ थोड़े जिद्दी भी हैं। बेहद कम उम्र में ही बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन के आ जाने से जहां उन्हें नई-नई चीजों के बारे में जानकारी मिलती है, वहीं अगर उन्हें फोन न दिया जाए, तो उनका गुस्सा भी कई बार चरम पर होता है। ऐसे में बच्चे अपना धैर्य भी खो देते हैं। अगर उन्हें कुछ समय के लिए रुकने के लिए कहा जाए, तो भी वे हर चीज को पाने में आतुरता दिखाते हैं। ऐसे में बच्चों की परवरिश ऐसे की जानी चाहिए कि उनमें धैर्य भी आए।
एक्सपटर्स का ऐसा मानना है कि धैर्य एक स्किल है, जो सीखने में टाइम लगता है। हालांकि, अगर बच्चों को बचपन से ही धैर्य रखना सिखाया जाए, तो वे उम्र भर धैर्यवान बने रहते हैं। साथ ही बड़े-बड़े काम भी धैर्य के साथ सफलतापूर्वक कर जाते हैं।
आइए आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिनसे आप अपने बच्चों में धैर्य का गुण डाल सकते हैं-
डेली रूटीन से करें शुरुआत
बच्चों को धैर्यवान बनाने के लिए डेली के कामों से शुरुआत करें। दरअसल, उन्हें हर चीज के मिलने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना सिखाएं। उन्हें सिखाएं कि अगर वे किसी काम के लिए लाइन में लगे हैं, तो उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए।

माता-पिता खुद भी बनें धैर्यवान
बच्चे वही सीखते हैं, जो वे अपने घर में देखते हैं। यह तो आपने सुना ही होगा, ऐसे में आपको भी अपने बच्चों के सामने धैर्य से ही पेश आना चाहिए। अगर आप भी किसी भी काम को धैर्य से करते हैं, तो आपके बच्चों को भी वही सीखने को मिलेगा। इसलिए पहले पैरेंट्स खुद धैर्यवान बनें।
बच्चों को दें पजल गेम
आप बच्चों को धैर्य सिखाने के लिए उन्हें कुछ ऐसे गेम्स दे सकते हैं, जो माइंड गेम हों और जो उन्हें बिजी रखें। ऐसे में आप उन्हें पजल गेम्स दे सकते हैं। इनके साथ उनका समय भी जल्दी हीत जाएगा, साथ ही वे सब्र रखना भी सीखेंगे।

बच्चों को इंस्पायरिंग कहानी सुनाएं
अगर आप अपने बच्चों को धैर्य रखने के फायदे वाली इंस्पायरिंग कहानी सुनाते हैं, तो इससे बच्चों को भी पेशंस रखने की प्रेरणा मिलेगी। आप बच्चों को उन कैरेक्टर्स की कहानी सुना सकते हैं, जिन्होंने धैर्य के माध्यम से ही चैलेंज जीते हों। दरअसल, कहानी से बच्चे बातों को जल्दी समझते हैं।
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