महिलाओं को नाश्ते में लेना चाहिए ज्यादा फैट, स्टडी में बताई गई वजह: Women Breakfast

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Women breakfast: अक्सर हमने यही देखा है कि हमारे घरों में सबके लिए एक ही नाश्ता बनता है। हालांकि, कभी-कभार सबकी पसंद के अनुसार, चीजें अलग-अलग बन सकती है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं होता है, लेकिन क्या आप यह मानते हैं कि महिला और पुरुष का नाश्ता अलग-अलग होना चाहिए। दरअसल, कनाडा में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू’ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग नाश्ता करना चाहिए। यह देखा गया है कि पुरुष सुबह उठने के बाद कार्बोहाइड्रेट युक्त नाश्ता कर सकते हैं, जबकि महिलाओं को फैट से भरपूर नाश्ता करने से लाभ हो सकता है

रिसर्च में यह कहा गया है कि खाने से ज्यादा से ज्यादा हेल्थ बेनिफिट्स पाने के लिए शरीर के मेटाबॉलिज्म के आधार पर सही डाइट लेनी जरूरी है। रिसर्च शोधकर्ताओं द्वारा बनाए गए गणितीय मॉडल के माध्यम से की गई थी, जिसने महिलाओं और पुरुषों दोनों के अलग-अलग फूड ऑप्शन्स के लिए मेटाबॉलिज्म रिएक्शन को समझने में मदद की।

पुरुषों और महिलाओं में मेटाबॉलिज्म

यह देखा गया कि पुरुष अपनी हेल्थ के लिए कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करते हैं, जबकि महिलाएं लिपिड – फैटी एसिड पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं। अध्ययन में आगे पाया गया कि मेटाबॉलिज्म में अंतर मेटाबॉलिज्म प्रतिक्रिया और बीमारी के जोखिम में बदलाव ला सकता है।

अध्ययन की वरिष्ठ जांचकर्ता (अन्वेषक) अनीता टी. लेटन (पीएचडी, गणितीय जीव विज्ञान और चिकित्सा में अनुसंधान अध्यक्ष) और वाटरलू विश्वविद्यालय में गणित, कंप्यूटर विज्ञान, फार्मेसी और जीव विज्ञान की प्रोफेसर ने ‘मेडिकल न्यूज टुडे’ को दिए एक साक्षात्कार में इस बारे में खुलकर बात की।

उन्होंने बताया, “महिलाएं अवशोषण अवधि के दौरान पुरुषों की तुलना में अधिक फैट संरक्षित करती हैं। हमारा मॉडल जेंडर बेस्ड डाइट को गाइड कर सकता है, जो मेटाबॉलिज्म को बैलेंस्ड करता है और भोजन के बाद हाइपरग्लाइसेमिया या हाइपोग्लाइसेमिया जैसी जटिलताओं को रोकता है। यह देखा जा सकता है कि एक बॉडी पर सभी तरह का खाना किस तरह से रिएक्ट करता है।”

जेंडर और मेटाबॉलिज्म

रिसर्च की लेखिका अनीता टी. लेटन ने बताया कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक फैट संग्रहित कर सकती हैं। हालांकि, महिलाएं एक्सरसाइज के बाद अधिक फैट बर्न करने में भी सक्षम होती हैं और भोजन के बाद अधिक फैट को पचा कर सकती हैं। यह शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल से संचालित होता है। जब महिलाएं गर्भावस्था और स्तनपान से गुजरती हैं, तो शरीर में बड़े बदलाव होते हैं। ऐसे में उनका मेटाबॉलिज्म भी उन बदलावों से प्रभावित होता है।

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