सर्दियों के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम होना तो आम बात है लेकिन इन दिनों निमोनिया के मामले भी बढ़ रहे हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं मिले तो फिर इससे निजात पाना मुश्किल भी हो सकता है। निमोनिया फेफड़ों में संक्रमण की वजह से होता है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग होते हैं। इसकी वजह यह है कि छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होती है, वहीं, बुजुर्गों की इम्युनिटी उम्र के साथ कमज़ोर हो जाती है। इसके अलावा अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एवं किसी तरह के हृदय रोग वाले व्यक्ति निमोनिया से जल्दी ग्रसित होते हैं।
आज 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे के अवसर पर हम आपको इसके लक्षणों, कारण और बचाव के तरीक़े बता रहे हैं।

निमोनिया के लक्षण
- खांसी: इसमें सूखी या बलगम वाली ख़ासी हो सकती है।
- ठंड लगकर बुख़ार आना: यह निमोनिया का एक सामान्य संकेत है।
- सांस लेने में कठिनाई: निमोनिया होने से सांस लेने में कठिनाई होती है या सांस फूलने लगती है।
- सीने में दर्द: इसमें चाटी में दर्द महसूस होता है और सांस लेने या खांसने पर यह दर्द बढ़ सकता है।
- थकान: निमोनिया के कारण शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है। इसमें मांसपेशियों में दर्द भी होता है।
- सिरदर्द: सर्दी और बुखार के कारण सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है।
- भूख में कमी: निमोनिया होने पर इन्फेक्शन के कारण भूख की कमी महसूस होने लगती है।
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निमोनिया से बचने के तरीक़े
अगर समय रहते आप निमोनिया के बारे में जान लेते हैं तो आप इससे पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी दिनचर्या में कुछ चीज़ों को शामिल करके भी इस बीमारी से हमेशा दूर रह सकते हैं।
हेल्दी डाइट
स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है सही डाइट लेना। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट में फल, सब्जियों, साबुत अनाज शामिल करें। प्रोटीन-रिच डाइट ज़रूर लें और कोशिश करें कि डाइट में फैट की मात्रा कम हो।
नियमित एक्सरसाइज
फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर दिन एक्सरसाइज ज़रूर करें। इसमें डीप ब्रीदिंग, मैडिटेशन ज़रूर करें। इससे साँस नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
स्ट्रेस से बनायें दूरी
हर बीमारी की जड़ कहीं ना कहीं तनाव ही है। इसलिए सबसे ज़रूरी है तनाव से दूर रहें।
पर्याप्त नींद
समय पर सोना और अच्छी पर्याप्त नींद लेना शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती है।
धूम्रपान से रहें दूर
फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुक़सान सिगरेट पीने से होता है और इससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सिगरेट से बिलकुल दूर रहें।
हाइड्रेशन
शरीर हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पियें।
जड़ी-बूटियां
फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए खाने में तुलसी, अदरक और हल्दी ज़रूर शामिल करें।
प्रदूषण
निमोनिया होने की एक और वजह प्रदूषण भी है। इससे फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस संक्रमण आसानी से हो सकता है जो निमोनिया का कारण बन सकता है। ये छोटे कण फेफड़ों में गहराई तक घुस सकते हैं, जिससे सूजन हो सकती है। कोशिश करें कि स्वच्छ हवा में निकलें या फिर मास्क का इटेमाल करें। घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।