World Prematurity Day: जानें समय से पहले बच्चे के जन्म के कारण और इससे बचने के तरीक़े

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World Prematurity Day: जानें समय से पहले बच्चे के जन्म के कारण और इससे बचने के तरीक़े: World Prematurity Dayहर शादीशुदा जोड़े के लिए माता-पिता बनना दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है। हालांकि, आजकल के समय में स्ट्रेस भरी लाइफ, बिजी शेड्यूल और खराब लाइफस्टाइल की वजह से पैरेंट्स बनने में काफी दिक्कतें सामने आती हैं। कई बार महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती हैं, तो कई बार बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है। आजकल प्री-मैच्योर बर्थ की समस्या भी काफी देखी जाती है। ऐसे में लोगों को इस समस्या के प्रति जागरुक करने के लिए 17 नवंबर को वर्ल्ड प्री-मैच्योरिटी डे मनाया जाता है। आइए आपको इस मौके पर बच्चे के समय से पहले होने वाले जन्म के कारण और रोकथाम के उपाय बताते हैं।

समय से पहले बच्चे के जन्म का कारण

जब किसी बच्चे का जन्म गर्भधारण के 37 सप्ताह से पहले हो जाता है, तो इसे प्री-मैच्योर बर्थ के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह स्थिति बच्चे और मां दोनों के लिए मुश्किल होती है, जिसकी वजह से कई परेशानियां हो सकती हैं। प्री-मैच्योर बर्थ कई कारणों से हो सकता है, जैसे-

एकाधिक गर्भधारण
कई बार गर्भ में जुड़वा, तीन या इससे अधिक बच्चों का विकास हो जाता है, ऐसे में यह स्थिति समय से पहले बच्चे के जन्म का कारण बन सकती है।

प्रेग्नेंसी हिस्ट्री
अगर किसी महिला की पिछली प्रेग्नेंसी में भी बच्चे का जन्म समय से पहले हुआ हो, तो यह भी अगले गर्भधारण में जोखिम बढ़ा सकता है।

हेल्थ हिस्ट्री
अगर किसी महिला को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, तो यह स्थिति भी बच्चे के समय से पहले जन्म का एक कारण हो सकती हैं।

इंफेक्शन और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां
अगर किसी महिला को गर्भाशय, मूत्राशय या मूत्रमार्ग में इंफेक्शन होता है, तो यह भी समय से पहले बच्चे की डिलीवरी को बुलावा दे सकता है। इसके अलावा, किडनी फेलियर या फिर लंबे समय तक चलने वाली समस्या भी प्री-मैच्योर बर्थ को प्रेरित करने में भूमिका निभा सकती हैं।

गर्भाशय और ग्रीवा संबंधी समस्याएं
इसके अलावा, अगर किसी महिला को गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में समस्या है, तो भी बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है।

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समय से पहले बच्चे के जन्म की रोकथाम

हालांकि, प्री-मैच्योर बर्थ के हर मामले को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनके जरिए समय से पहले होने वाले बच्चे के जन्म के जोखिम को कम किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं-

  • नियमित प्रसवपूर्व देखभाल– प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित चेकअप और मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है, ताकि आपको गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति की जानकारी हो और उसी के अनुसार सावदानी बरत सकें।
  • हेल्दी लाइफस्टाइल– प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली किसी भी समस्या को रोकने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बेहतर उपाय है, क्योंकि खराब जीवनशैली न केवल आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बल्कि आपकी हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग, ड्रिंकिंग और खराब खान-पान को जितना अवॉयड करें, अच्छा है।
  • पुरानी गलतियों को न दोहराएं– पहली बार जब महिला कंसीव करती है, तो कई चीजों की जानकारी नहीं होती है और अनजाने में कुछ गलतियां हो जाती हैं, जिससे बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। ऐसे में अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर भविष्य में होने वाली दिक्कतों से बचा जा सकता है।
  • शारीरिक स्वच्छता-इसके अलावा, अपने शरीर की सफाई रखना भी जरूरी है। इसके लिए नियमित रूप से नहाना और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

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